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दसवीं बोर्ड परीक्षा में महिला-विरोधी पैराग्राफ पर ऐतराज, दिल्ली महिला आयोग ने सीबीएसई को भेजा नोटिस

दिल्ली महिला आयोग ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में पूछे गए कथित महिला विरोधी पैराग्राफ का संज्ञान लेते हुए बोर्ड को नोटिस भेजा है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले में अपनी नाराजगी व्यक्त की।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 06:18 PM (IST)
दसवीं बोर्ड परीक्षा में महिला-विरोधी पैराग्राफ पर ऐतराज, दिल्ली महिला आयोग ने सीबीएसई को भेजा नोटिस
महिला आयोग ने सीबीएसई को नोटिस जारी किया है।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली महिला आयोग ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में पूछे गए कथित महिला विरोधी पैराग्राफ का संज्ञान लेते हुए बोर्ड को नोटिस भेजा है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पैराग्राफ को न केवल महिला विरोधी ठहराया बल्कि बच्चों के अंदर नकारात्मक सोच एवं लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला कहा।

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आयोग के मुताबिक पैराग्राफ में रूढ़िवादी पंक्तियों शामिल है। इसमें कहा गया है कि महिलाओं में स्वतंत्रता और समानता में वृद्धि के कारण बच्चों में अनुशासनहीनता बढ़ गई है। वहीं, जब से पत्नियों ने पति की आज्ञा की अवहेलना करनी शुरू की है तब से बच्चों के अंदर माता-पिता का भय खत्म होना शुरू हो गया। आयोग ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुच्छेद को न केवल महिला विरोधी ठहराया बल्कि बच्चों के अंदर नकारात्मक सोच एवं लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला भी कहा। आयोग के मुताबिक जिसने भी यह पैराग्राफ लिखा है वो व्यक्ति महिला विरोधी और लैंगिक भेदभाव में विश्वास करने वाला है और महिलाओं से जुड़े मुद्दों और नारीवाद के बारे में उनकी समझ पूरी तरह से विकृत है।

आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीएसई से कहा है कि वह इस तरह के पितृसत्तात्मक लेख को परीक्षा में पूछे जाने और प्रकाशित करने वाले सभी जिम्मेदार लोगों पर की गई कार्रवाई से संबंधित जानकारी आयोग को जल्द से जल्द दे। आयोग ने सीबीएसई से इस बात का कारण बताने को भी कहा है कि लैंगिक भेदभाव का प्रचार करने वाले इस पैराग्राफ को ही क्यों परीक्षा के लिए चुना गया। साथ ही ये भी बताने को कहा कि परीक्षा में पूछे जाने से पहले विशेषज्ञों द्वारा इसकी जांच की गई थी या नहीं। आयोग ने सीबीएसई को इस संबंध में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट देने के लिए 72 घंटे का समय दिया है।

  • यह अस्वीकार्य है कि सीबीएसई ने परीक्षा में महिलाओं को अपमानित करने वाले पैराग्राफ को पूछा है। इससे सभी महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। ऐसे लेख न केवल महिलाओं की स्वतंत्र पहचान पर हमला करते हैं परंतु साथ ही साथ रूढ़िवाद सोच का प्रचार भी करते हैं। छात्र जो इस देश का भविष्य है उनकी प्रगतिशील सोच पर ऐसे लेखों से नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। स्वाति मालीवाल, अध्यक्ष, स्वाति मालीवाल

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