Delhi Budget 2021-22: यूपी-उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दायरा बढ़ाने की कोशिश में अरविंद केजरीवाल
Delhi Budget 2021-22 इस साल के आखिर और अगले साल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बजट की घोषणाएं उन राज्यों में आप उम्मीदवारों को जनता के बीच प्रशासन का दिल्ली माडल प्रस्तुत करने में मददगार साबित होंगी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Budget 2021-22: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार का बजट सपने तो दिखाता ही है, इसके जरिये आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय फलक पर चमकने की महत्वाकांक्षा भी साफ दिखाई देती है। देशभक्ति का भाव भारतीयों की कमजोर नस है, इसे दबाकर आप ने दिल्ली से बाहर भी अपना दायरा फैलाने का आधार तैयार करने की कोशिश की है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न हालांकि राष्ट्रीय विषय है और केंद्र सरकार इसके लिए पूरी योजना तैयार कर भी रही है। बावजूद इसके दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने भी इसके लिए लंबा-चौड़ा कार्यक्रम बनाया है। इस दिशा में 45 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है। इन कार्यक्रमों में स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा और आजादी का जोश भरने वाली गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। सैनिक स्कूल खोलने, दिल्ली आम्र्ड फोर्स अकादमी गठित करने, देश दुनिया का पहला वचरुअल स्कूल खोलने, 75 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों का सम्मान करने एवं हर कालोनी के लिए योग प्रशिक्षक नियुक्त करने जैसी घोषणाएं बिल्कुल ऐसी हैं, जो अन्य राज्यों के लोगों को भी लुभाएंगी।
इस साल के आखिर और अगले साल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से अनेक में आप भी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में मौजूदा बजट की घोषणाएं उन राज्यों में आप उम्मीदवारों को जनता के बीच प्रशासन का दिल्ली माडल प्रस्तुत करने में मददगार साबित होंगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं के लिए अलग से मोहल्ला क्लीनिक खोलने, स्त्री रोग विशेषज्ञों की व्यवस्था करने, निश्शुल्क कोरोना टीका, दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को हेल्थ कार्ड जारी करने और स्कूलों में देशभक्ति पाठयक्रम शुरू करने की घोषणाएं भी ऐसी हैं, जो अन्य राज्यों के मतदाताओं को प्रभावित करेंगी। मुफ्त बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल का नारा तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार हर राज्य में देती ही रही है, अब उसके पास वोट मांगने के लिए इन घोषणाओं का आधार भी एक बड़ा सहारा बन जाएगा।