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सीएम केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर डीपीएसआरयू में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र की शुरूआत की

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए योगा सेंटर का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। उन्होंने कहा 2 अक्टूबर के बाद योगा करने वाले लोगों को दिल्ली सरकार मुफ़्त में योगा इंस्ट्रक्टर उपलब्ध कराएगी। अभी हमारे पास 450 योगा इंस्ट्रक्टर है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:48 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 05:48 PM (IST)
सीएम केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर डीपीएसआरयू में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र की शुरूआत की
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने लांच किया 'ध्यान और योग विज्ञान' का पाठ्यक्रम

नई दिल्ली, जेएनएन। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी में ध्यान और योग विज्ञान केंद्र (मेडिटेशन एंड योगा साइंस सेंटर) का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि योग केंद्र की स्थापना हमारा सपना रहा है, हम योग को जन आंदोलन में बदलना चाहते हैं और इसके लिए हमने बजट का भी प्रावधान किया है। अगर 20-40 लोग ग्रुप बना कर योग सीखने की इच्छा जताते हैं, तो दिल्ली सरकार उन्हें मुफ्त में इंस्ट्रक्टर मुहैया कराएगी। अभी 450 योग इंस्ट्रक्टर तैयार किए जा रहे हैं और दो अक्टूबर से हम लोगों को मुफ्त इंस्ट्रक्टर उपलब्ध कराना शुरू कर देंगे। योगा करने से इम्यूनिटी अच्छी होगी और कोरोना से भी बच सकेंगे। पोस्ट कोविड के दौरान भी योग काफी मददगार साबित होगा।

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वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने परिकल्पना की थी कि जो लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाना चाहता है, उनको शिक्षक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार लेगी। यह एक साल का कोर्स है। इसमें पतंजलि का योग है, तो भगवान बुद्ध का ध्यान भी बड़ी सिद्दत से शामिल किया गया है। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम ने टीचर्स एंड स्टूडेंट्स मैनुअल और पुस्तक का भी विमोचन किया।

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल योग दिवस है और मैं समझता हूं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को इससे अच्छे तरीके से और नहीं मनाया जा सकता था। हम लोग यहां सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योगा साइंसेज शुरू करने जा रहे हैं। हम लोगों का यह सपना था। हम लोग डेढ़-दो साल से बहुत गंभीरता से सोच रहे थे कि किस तरह से दिल्ली के हर व्यक्ति तक योगा को पहुंचाया जाए। हम सब ने यह एक वाक्य कई बार सुना है कि योग को जन आंदोलन बनाना है। यह कहते तो बहुत लोग हैं, लेकिन योग को कैसे जन आंदोलन बनाया जाए और कैसे घर-घर तक पहुंचाया जाए? जैसा कि पूरी दुनिया को भारत योग सिखा रहा है, लेकिन अपने भारत वर्ष में कितने लोग योग करते हैं? इसको जन-जन तक कैसे पहुंचाएं, इस पर चिंतन-मनन चल रहा था। इस बार जब बजट आया था, उसके पहले हमने बहुत से लोगों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा और विचार-विमर्श किया। इसके बाद हमने यह तय किया कि इसको एक विशिष्ट बजट दिया जाए।


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