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वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की नई पालिसी, जनता को 60 दिन में देनी है अपनी राय

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्टिक वाहनों (ईवी) को शामिल करना होगा।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 08:45 AM (IST)
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की नई पालिसी, जनता को 60 दिन में देनी है अपनी राय
पालिसी के ड्राफ्ट पर जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्टिक वाहनों (ईवी) को शामिल करना होगा। केजरीवाल सरकार ईवी को अनिवार्य करने के लिए एग्रीगेटर पालिसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाली भारत की पहली सरकार बन गई है।

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पालिसी के ड्राफ्ट पर जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है। इस अवधि में ड्राफ्ट पालिसी पर आम जनता अपने सुझाव और आपत्तियां देगी जिसके बाद इसे अधिसूचित किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह पालिसी एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी। एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अगले तीन माह में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 और सभी नए चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत ई वाहनों को शामिल करना होगा।

इसके अलावा इनको मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 प्रतिशत और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 प्रतिशत ई वाहनों को अपनाना होगा। दिल्ली सरकार एनसीआर के अन्य राज्यों को भी इस पालिसी को अपनाने के लिए निर्देशित करने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को जानकारी देगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और शुद्ध हवा प्राप्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत 14 जनवरी 2022 को एक ड्राफ्ट नीति अधिसूचित की है।

इस पालिसी में सभी एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को परिचालन के लिए अपने नए बेड़े में इलेक्टिक वाहनों को अपनाने के लिए अनिवार्य किया गया है। दिल्ली राइड-हेलिंग उद्योग से वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एग्रीगेटर पालिसी अपनाने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है। राइड-हेलिंग सेवाओं के साथ-साथ डिलीवरी सेवा प्रदाताओं (जैसे, खाद्य वितरण, ई-कामर्स लाजिस्टिक्स प्रदाता, कोरियर) जैसे एग्रीगेटर ने दिल्ली में वाहनों के पैटर्न को बदल दिया है।

इसमें कैब सबसे लोकप्रिय माडल रहा है। इसके बाद बसें, बाइक और आटो रिक्शा हैं जिन्होंने अपने कारोबार का विस्तार जारी रखा है।पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि इस पालिसी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं के वाहनों के पूरे स्पेक्ट्रम को बड़े पैमाने पर स्वच्छ वाहनों को अपनाने और वायु गुणवत्ता की चिंता को देखते हुए टिकाऊ, स्वच्छ और इलेक्टिक गतिशीलता के रूप में लाया जाए।


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