Delhi Budget 2021-22: देशभक्ति की पाठशाला, तिरंगे के रंग में सराबोर होगी दिल्ली
Delhi Budget 2021-22 सरकार ने शहीद सिपाहियों के परिवार के सम्मान एवं मदद के लिए एक करोड़ रुपये की राशि देने की भी योजना बनाई है। इसके लिए बजट में 26 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। Delhi Budget 2021-22 स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर दिल्ली देशभक्ति के रंग में सराबोर दिखेगी। इसके लिए बजट में विशेष प्रविधान किया गया है। इसके तहत दिल्ली में 500 स्थानों पर तिरंगा लहराएगा। शहीदों की मूर्तियां लगाई जाएंगी। सरकार का दावा है कि दिल्ली को इस तरह से तिरंगों से सजाया जाएगा कि लोग जिस भी कालोनी से अपने घर से निकलें उन्हें एक या दो किलोमीटर पर तिरंगा लहराता दिखाई दे जाए। जिस तरह से कनाट प्लेस में 200 फीट ऊंचा तिरंगा लगाया गया है। उसी तरह से दिल्ली भर में तिरंगे लगाए जाएंगे। इसके लिए बजट में 45 करोड़ का प्रविधान किया गया है।
बजट प्रस्तावों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने से ठीक 75 सप्ताह पहले, यानी 12 मार्च से ही दिल्ली में देशभक्ति से जुड़े आयोजनों की श्रंखला शुरू कर दी जाएगी। देशभक्ति से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी बजट में किए गए हैं। इसके तहत आजादी के आंदोलन में दिल्ली की भूमिका, पिछले 75 सालों में दिल्ली की यात्रा और 2047 की दिल्ली के विजन को लेकर सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सरकार का मानना है कि आजादी की लड़ाई में शहीद भगत सिंह का योगदान और भारत को लेकर देखे गए उनके सपने आज भी देश के नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने अपनी जेल डायरी में लिखा था - अगर बहरों को सुनाना है तो धमाका करना जरूरी है। शहीद भगत सिंह के प्रेरक जीवन पर कार्यक्रमों के लिए दस करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, ताकि देश की वर्तमान युवाशक्ति उनके जीवन से और प्रेरणा ले सके। इसी तरह आजाद भारत का संविधान तैयार करने वाले बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के प्रेरक जीवन और उनके सपनों के संविधान र्व ंहदुस्तान को आज की युवा पीढ़ी तक ले जाने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित होंगे, इसके लिए भी बजट में दस करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
सरकार का मानना है कि देश की 95 फीसद आबादी आजादी के 75वें वर्ष में भी शिक्षा के उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई है, जिसका सपना हमारे शहीदों ने देखा था, इसलिए शिक्षा को जनआंदोलन बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इस वित्त वर्ष इसकी शुरुआत की जाएगी। सरकार पढ़े-लिखे लाखों युवाओं को उन छात्रों की मदद के लिए तैयार करेगी जो संसाधन अथवा सूचना के अभाव में जूझ रहे हैं। इसके लिए यूथ फॉर एजुकेशन नाम से एक मेंटरशिप र्वांलयटर प्रोग्राम इस साल से शुरू किया जाएगा। सरकार ने शहीद सिपाहियों के परिवार के सम्मान एवं मदद के लिए एक करोड़ रुपये की राशि देने की भी योजना बनाई है। इसके लिए बजट में 26 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।