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Delhi Budget 2021: आदेश गुप्ता ने कहा- छलावा है बजट, प्रदूषण और परिवहन के लिए नहीं है कोई योजना

प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सिंगापुर की तरह दिल्ली के लोगों की आय बढ़ाने और दिल्ली में ओलंपिक खेल कराने की कल्पना की है जो पूरी तरह से हास्यास्पद है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 06:11 PM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 06:26 PM (IST)
Delhi Budget 2021: आदेश गुप्ता ने कहा- छलावा है बजट, प्रदूषण और परिवहन के लिए नहीं है कोई योजना
केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए आदेश गुप्ता।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राज्य सरकार के बजट को प्रदेश भाजपा आदेश गुप्ता ने छलावा करार दिया है। वर्ष 2021-22 के बजट में दिल्ली की वर्तमान और अल्प अवधि की विकास संबंधी जरूरतों पर चुप्पी साधने और 2047 के सपने बेचने के आरोप लगाते हुए उन्होंने अरविंद केजरीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। गुप्ता ने कहा है कि इस बजट को देखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल को सपनों का सौदागर कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। केजरीवाल सरकार ने 26 वर्ष बाद की दिल्ली की कल्पना तो की है, लेकिन वर्तमान प्रदूषण और परिवहन की बिगड़ती स्थिति को लेकर कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं की।

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प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सिंगापुर की तरह दिल्ली के लोगों की आय बढ़ाने और दिल्ली में ओलंपिक खेल कराने की कल्पना की है, जो पूरी तरह से हास्यास्पद है। यही सरकार कुछ दिन पहले राजधानी को लंदन और यमुना को थेम्स जैसा बनाने की बात कहती थी और अब सिंगापुर के सपने बेचने लगी है। मौजूदा हालात यह है कि दिल्ली में बसों की कमी से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। सड़कों की स्थिति सुधारने और नए फ्लाईओवर बनाने को लेकर बजट में कुछ नहीं है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर सरकार झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर रही है। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने 1571 अनधिकृत कॉलोनियों में पानी और सीवर की लाइन पहुंचाने का दावा किया था और बजट में यह आंकड़ा 1343 कॉलोनियों का दिखाया है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासी अच्छी तरह से यह समझते हैं कि केजरीवाल सरकार बजट का उपयोग दिल्ली के विकास के लिए नहीं, बल्कि अपना चुनावी गणित साधने के लिए मुफ्त की योजनाओं पर करती है। इससे दिल्ली का विकास ठप हो चुका है।

हर साल पूरा बजट भी खर्च नहीं कर पा रही है सरकार

आदेश गुप्ता ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि हर बजट को ऐतिहासिक बताने वाली सरकार बजट का उपयोग ही नहीं करती है। यही वजह है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और परिवहन के लिए आवंटित बजट का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं होता। वर्ष 2015-16 में सरकार ने 41129 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया, जिसमें से 14.4 फीसद बजट खर्च ही नहीं किया।

इसी तरह, वर्ष 2016-17 में 46600 करोड़ रुपये के बजट का 20 फीसद, वर्ष 2017-18 में 48000 करोड़ रुपये के बजट में 14.7 फीसद, वर्ष 2018-19 में 53000 करोड़ रुपये के बजट में से 12.7 फीसद, वर्ष 2019-20 में 60000 करोड़ रुपये के बजट में 14.7 फीसद हिस्सा खर्च ही नहीं किया। वर्ष 2020-21 के 65000 करोड़ रुपये के बजट में 9.23 फीसद राशि अनुपयोगी रहने वाली है। इसी तरह दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य मद में सर्वाधिक राशि आवंटित करने की घोषणा करती है और हर वर्ष 20-37 फीसद राशि खर्च ही नहीं हो पाती है।


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