Delhi-UP-Haryana Border: दिल्ली के सभी सील बॉर्डर खुलें या नहीं? शुक्रवार शाम 5 बजे देना था सुझाव
Delhi Border Dispute Issue बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम 5 बजे तक आए सुझाव पर अरविंद केजरीवाल शनिवार तक निर्णय ले लेंगे।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Border Dispute Issue: दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के सभी बॉर्डर खोले जाएं या नहीं? इसके लिए सुझाव देने का शुक्रवार को अंतिम दिन था। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोगों ने सील बॉर्डर खोलने को लेकर सुझाव दिए हैं। ज्यादातर लोग बॉर्डर खोलने के पक्ष में हैं। लोगों अपने सुझाव वॉट्सएप नंबर- 8800007722 या ईमेल-delhicm.suggestions@gmail.com पर भेजे हैं।
आम जनता से मिले जनता के सुझाव के आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बारे में फैसला लेगें। मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक छह लाख से अधिक सुझाव दिल्ली में सत्तासीन सरकार के पास आ चुके हैं।
इससे पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हमेशा दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के बॉर्डर खोलने के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है तो बॉर्डर क्यों सील किया जाए?
साथ ही केजरीवाल ने यह भी कहा कि राजधानी के लोगों की भी चिंता है, जिसे दूर करने के लिए ही उन्होंने पिछले सप्ताह बॉर्डर सील कर जनता से सुझाव मांगे थे।
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन शुरू होने से पहले तक दिल्ली में देशभर के लोग आते थे और इलाज कराके जाते थे। किसी भी वक्त दूसरे राज्यों के 60 से 70 फीसद लोग दिल्ली में होते थे। दिल्ली में अब कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में यदि उन्होंने दिल्ली के अस्पतालों को बाकी राज्यों के लिए खोल दिया तो दिल्ली के लोग इलाज कराने के लिए कहां जाएंगे। यही वजह है कि जनता से सुझाव मागे गए हैं। छह लाख लोगों के सुझाव मिल चुके हैं। कुछ लोगो ने सुझाव दिया है कि बॉर्डर खोल दिए जाएं, लेकिन दिल्ली सरकार के 10 हजार बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दिए जाएं। वहीं, केंद्र सरकार के अस्पताल के 10 हजार बेड पूरे देश के लिए उपलब्ध रहें। इस तरह के सुझाव पर वह शनिवार तक निर्णय ले लेंगे।
20 हजार बेड की कर रहे व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा समय में साढ़े आठ हजार बेड की व्यवस्था है। हालांकि, वह 20 हजार बेड का इंतजाम कर रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा ऐसे बेड का इस्तेमाल करें, जिसमें ऑक्सीजन की उपलब्धता रहे। निजी अस्पतालों को दी चेतावनी मुख्यमंत्री ने प्राइवेट अस्पतालों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पताल बेड खाली होने के बाद भी मरीज को भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं, जबकि इनमें 20 फीसद बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। अस्पताल यदि अपना रवैया नहीं बदलेंगे तो ऐसे अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए निर्धारित कर दिया जाएगा।