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Delhi Bomb Blast: सुरक्षा में चूक, डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर चल रहा था बीटिंग रिट्रीट

Delhi Bomb Blast यह मामला विदेश मंत्रालय से जुड़ा है ऐसे में जल्द से जल्द इसे सुलझाने का पुलिस पर दबाव रहेगा। बम धमाके के बाद मौके पर पहुंची जांच एजेंसियों ने दूतावास के आसपास बने 10 बंगलों के बाहर जांच की तो कुछ हासिल नहीं हुआ।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 10:41 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 10:41 AM (IST)
Delhi Bomb Blast: सुरक्षा में चूक, डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर चल रहा था बीटिंग रिट्रीट
बाइक सवार शख्स ने दूतावास की चलती कार में पीछे से साइलेंसर के पास बम चिपका दिया था।

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। इजरायली दूतावास के बाहर हुए बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इसे सुरक्षा में बड़ी चूक कहा जा रहा है, जिस जगह पर धमाका हुआ, वहां से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बी¨टग रिट्रीट का कार्यक्रम चल रहा था। दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर जब पुलिस का पहरा है तो ऐसी वारदात बड़ा सवाल खड़ा करती है। किसान आंदोलन को लेकर पहले ही कानून व्यवस्था की चुनौती से जूझ रही दिल्ली पुलिस के सामने एक नई चुनौती आ गई है। यह मामला विदेश मंत्रालय से जुड़ा है, ऐसे में जल्द से जल्द इसे सुलझाने का पुलिस पर दबाव रहेगा। बम धमाके के बाद मौके पर पहुंची जांच एजेंसियों ने दूतावास के आसपास बने 10 बंगलों के बाहर जांच की तो कुछ हासिल नहीं हुआ।

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किसान आंदोलन व गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में उपद्रव करने के बाद वैसे ही दिल्ली में सुरक्षा के बेहद कड़े बंदोबस्त किए गए थे। उक्त घटना के बाद दिल्ली की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। घटना स्थल के आसपास की सड़कों पर लगे कैमरे को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि कहीं न कहीं कैमरे में घटना को अंजाम देने वाले की तस्वीर मिलेगी। धमाके में जिस बम का इस्तेमाल किया गया वह शीतलपेय के केन में रखकर तैयार किया गया था। उसमें बाल बैयरिंग, कांच के टुकड़े, कील आदि थे। पुलिस को एक लिफाफा भी मिला है, जिसमें इजरायल को लेकर कुछ लिखा हुआ है। माना जा रहा है कि किसी ने शरारत की है 13 फरवरी 2012 को भी शाम के वक्त ही इजराइली दूतावास के पास बाइक सवार शख्स ने दूतावास की चलती कार में पीछे से साइलेंसर के पास बम चिपका दिया था।

आइबी व स्पेशल सेल ने जांच के बाद इस मामले में इरान के पत्रकार सैयद अहमद काजमी को गिरफ्तार कर केस की गुत्थी सुलझा ली थी। उक्त पत्रकार लोधी कालोनी में रहता था। जांच में पता चला था कि घटना से कुछ महीना पहले इरान से उसकी पत्नी के खाते में पैसे आए थे।

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