LG और दिल्ली सरकार के बीच अधिकार को निर्धारित करने वाले बिल के समर्थन में भाजपा, कहा- मतभेद होंगे दूर
आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बहुत दिनों तक दिल्ली सरकार ने रोके रखा प्रधानमंत्री आयुषमान योजना को लागू नहीं किया गया। कानून में संशोधन से दिल्ली सरकार को जनहित के काम करने पड़ेंगे।
नई दिल्ली, [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर छिड़ी जंग में अब भाजपा भी कूद गई है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली संशोधन कानून 2021 विधेयक का समर्थन किया है। भाजपा नेता ने दावा कि इस संशोधन के बाद दिल्ली में विकास की गति बढ़ेगी। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच अधिकार को लेकर मतभेद दूर होंगे। दोनों के काम निर्धारित हो जाएंगे, इसलिए भाजपा इसका स्वागत करती है।
आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बहुत दिनों तक दिल्ली सरकार ने रोके रखा, प्रधानमंत्री आयुषमान योजना को लागू नहीं किया गया। कानून में संशोधन से दिल्ली सरकार को जनहित के काम करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली सरकार को अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर अपना काम करना चाहिए। 1993 में जल बोर्ड, डीटीसी सहित कई विभाग दिल्ली सरकार के पास नहीं थे। अब अधिकांश विभाग सरकार के पास है।
भाजपा ने कहा कि सरकार को विवाद करने के बजाए पानी आपूर्ति सुधारने, यातायात व्यवस्था ठीक करने, प्रदूषण की समस्या दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई है।
संघर्ष के बजाय विकास पर ध्यान दे दिल्ली सरकार
इससे पहले सोमवार को आदेश गुप्ता ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून में संशोधन के लिए संसद में लाए गए विधेयक का दिल्ली भाजपा स्वागत करती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2019 के निर्देश की अनुपालना में लाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 2015 से 2019 के बीच लगातार उपराज्यपाल के कार्य क्षेत्र पर अतिक्रमण का प्रयास करती रही और अंतत: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार के पास संशोधन विधेयक लाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया था।
कानून में संशोधन के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासन एवं विकास के 75 फीसद से अधिक कार्य स्थानीय सरकार के हिस्से में रहेंगे। बेहतर होगा कि सत्ता संघर्ष करने के बजाय आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में सुशासन एवं विकास देने पर ध्यान दे।