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Delhi MCD Election 2022: नगर निगम चुनाव में फतह के लिए बूथ वर्गीकरण की नाव पर सवार हुई भाजपा

भाजपा के सामने चौथी बार निगमों पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है और इसे ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है। सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मजबूत बूथ से ही निगम चुनाव में जीत की राह आसान होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 07:54 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 07:54 AM (IST)
Delhi MCD Election 2022: नगर निगम चुनाव में फतह के लिए बूथ वर्गीकरण की नाव पर सवार हुई भाजपा
नगर निगम चुनाव में फतह के लिए बूथ वर्गीकरण की नाव पर सवार हुई भाजपा

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। नगर निगमों के चुनाव में कुछ माह शेष रह गए हैं। अगले साल अप्रैल में चुनाव होने हैं। सभी पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के सामने चौथी बार निगमों पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है और इसे ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है। सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मजबूत बूथ से ही निगम चुनाव में जीत की राह आसान होगी। इसे ध्यान में रखकर बूथ समितियों के गठन के साथ ही बूथों के वर्गीकरण का काम चल रहा है। चार श्रेणी में इन्हें विभाजित करके चुनावी रणनीति बनाई जाएगी।

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राजधानी में 13 हजार से ज्यादा बूथ हैं। पार्टी इन सभी को ए, बी, सी व डी चार श्रेणियों में विभाजित कर रही है। ए श्रेणी में सबसे मजबूत बूथ शामिल किए जाएंगे। यहां पार्टी को हमेशा जीत मिलती है। लोकसभा और विधानसभा से लेकर नगर निगमों के चुनावों में यहां से पार्टी उम्मीदवार बढ़त बनाने में सफल रहते हैं। बी श्रेणी में उन बूथों को रखा जा रहा है, जहां अधिकांश चुनावों में पार्टी को जीत मिलती रही है। इन्हें ए श्रेणी की तरह मजबूत बनाने के लिए काम किया जाएगा।

इस तरह के कई बूथ हैं, जहां पार्टी को कभी-कभार जीत मिलती है। अमूमन यहां से इसके उम्मीदवार हार जाते हैं। पार्टी का मानना है कि विशेष ध्यान देकर यहां प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है। इन्हें सी श्रेणी में रखा जाएगा। डी श्रेणी में सबसे कमजोर बूथ रखे जाएंगे, यहां पार्टी को या तो कभी जीत नसीब नहीं हुई है या फिर लंबे समय से यहां पार्टी पिछड़ रही है। अगस्त तक बूथ वर्गीकरण का काम पूरा किया जाना है।

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजीव बब्बर को इसका प्रमुख बनाया गया है। प्रत्येक शहरी केंद्र का एक प्रमुख बनाया जाएगा, जो अपने बूथों की पूरी जानकारी हासिल करके रिपोर्ट तैयार करेगा। प्रत्येक बूथ का पूरा विवरण तैयार किया जाएगा। चुनावों में भाजपा व विपक्षी दलों को वहां मिले वोट, कम या ज्यादा वोट मिलने के कारण, स्थिति में सुधार की उम्मीद आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।


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