गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस पर नगर कीर्तन निकालने की अनुमति दे सरकारः आदेश गुप्ता
भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हिंदुओं और सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। डीडीएमए ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन निकालने पर रोक लगा दी थी।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हिंदुओं और सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आप सरकार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) में अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में बाधा डाल रही है। सरकार गुरु तेग बहादुर जी के शहादत दिवस पर नगर कीर्तन निकालने की अनुमति नहीं दे रही है। इससे सिख आहत हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार ने ईद मनाने की छूट दी गई थी वैसे ही अन्य धर्मों के पर्व मनाने व धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के लोगों की भावनाओं को आहत करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी। पूर्वांचल के लोगों के विरोध के कारण सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। बाद में सार्वजनिक स्थलों पर आयोजन की अनुमति तो दे दी गई थी लेकिन यमुना तट पर रोक नहीं हटाई गई। लोगों ने सरकार के इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया था।
डीडीएमए ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन निकालने पर रोक लगा दी थी। अब श्री गुरु तेग बहादुर साहब की शहादत दिवस के अवसर पर आठ दिसंबर को नगर कीर्तन निकालने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलंब डीडीएमए में अपनी ताकत का सदुपयोग करते हुए नगर कीर्तन की अनुमति देेने की घोषणा करनी चाहिए।
निगम कर्मियों की परेशानी बढ़ा रही आप: कपूर
वहीं, दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि दिल्ली सरकार एवं आम आदमी पार्टी (आप) लगातार वेतन के लिए परेशान नगर निगम कर्मचारियों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही हैं । आप नेता कर्मचारियों की परेशानी दूर करने की जगह राजनीतिक ब्यानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निगमकर्मी यह भलीभांति जानते हैं की दिल्ली सरकार तीसरे, चौथे एवं पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार फंड नहीं दे रही है जिससे निगमों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
उन्होंने कहा कि आप विधायक सौरभ भारद्वाज का यह बयान भ्रामक है कि निगम की संपत्ति बेचकर भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। सच्चाई यह है कि निगम की संपत्तियों पर न तो किसी का कोई कब्जा हुआ है और न कोई भुगतान आया है।