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दिल्ली में दिवाली बाद प्रदूषण को लेकर और तेज होगा सियासी घमासान, सरकार को घेरगी भाजपा

भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या हल करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है इसलिए समस्या बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार के मंत्री सिर्फ प्रेस वार्ता करने और बयान जारी करने में व्यस्त है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 08:08 AM (IST)
दिल्ली में दिवाली बाद प्रदूषण को लेकर और तेज होगा सियासी घमासान, सरकार को घेरगी भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता की फाइल फोटो

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। राजधानी दिल्ली के आसमान पर प्रदूषण के बादल गहराते जा रहे हैं। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही दिल्ली की जहरीली हवा पर सियासत भी होने लगी है। राजनीतिक पार्टियां इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दीपावली के बाद इसमें और तेजी आएगी। प्रत्येक वर्ष सर्दी का मौसम शुरू होते ही दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ जाती है। यहां की हवा खराब हो जाती है जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस बार अक्टूबर से ही यह समस्या शुरू हो गई थी और नवंबर आते-आते प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर और बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है।

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हालांकि, पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है यदि इस पर सख्ती से अमल हुआ तो संभव है कि कुछ राहत मिले। इसके साथ ही प्रदूषण की समस्या हल करने के लिए अन्य जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। सफाई व्यवसथा में जुड़े कर्मचारियों को हर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। इसके विपरीत सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने में लगा हुआ है।

भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या हल करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, इसलिए समस्या बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार के मंत्री सिर्फ प्रेस वार्ता करने और बयान जारी करने में व्यस्त है। उन्हें दिल्ली की खराब हो रही है हवा के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है। यही कारण है कि वायु की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद भी सरकार निश्चिंत है। इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 प्रदूषण की समस्या हल करने के लिए ग्रीन बजट पेश किया था। बजट में 26 वादे किए गए थे जिसे पूरा नहीं किया गया। सरकार की लापरवाही की वजह से आज दिल्ली की पहचान विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित शहर के रूप में होने लगी है। उन्होंने कहा कि नगर निगम सफाई की व्यवस्था में लगी हुई है, लेकिन सरकार सफाई कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं दे रही है।

वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर इस गंभीर विषय पर सियासत करने का आरोप लगा रही है। आप नेता दुर्गेश पाठक नगर निगमों की बदहाली के लिए भष्टाचार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार की वजह से निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। आप का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या हल करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। सभी को सहयोग करना चाहिए।

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