Move to Jagran APP

ऑटो किराया बढ़ाने पर यूनियनों में दो फाड़, विरोध में कहा- छिन जाएगा रोजगार

ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि वर्तमान में ऑटो का जो किराया निर्धारित है, वह ठीक है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 09:20 AM (IST)
ऑटो किराया बढ़ाने पर यूनियनों में दो फाड़, विरोध में कहा- छिन जाएगा रोजगार
ऑटो किराया बढ़ाने पर यूनियनों में दो फाड़, विरोध में कहा- छिन जाएगा रोजगार

नई दिल्ली [जेएनएन]। ऑटो का किराया बढ़ाए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले पर ऑटो यूनियनें दो फाड़ हो गई हैं। कुछ यूनियनें इसका समर्थन कर रही हैं तो कुछ विरोध। विरोध करने वाली यूनियनों का कहना है कि इससे ऑटो चालकों की रोजी रोटी छिन जाएगी। इससे ओला ऊबर जैसी एप आधारित टैक्सियों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि ऑटो का किराया भी उनके बराबर हो जाएगा।

loksabha election banner

चालकों की अन्य समस्याएं दूर किए जाने की जरूरत

ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि वर्तमान में ऑटो का जो किराया निर्धारित है, वह ठीक है। किराया बढ़ाए जाने की जगह ऑटो चालकों की अन्य समस्याएं दूर किए जाने की जरूरत है। वर्मा का आरोप है कि सरकार ओला ऊबर जैसी कंपनियों से मिलकर इस तरह का फैसला लेने पर तुली है। उन्होंने कहा कि सोमवार को जिस बैठक में किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का फैसला लिया गया, उसमें उनकी यूनियन को नहीं बुलाया गया। मुख्यमंत्री ने अपने समर्थक ऑटो रिक्शा वालों को बुलाकर फैसला ले लिया है।

किराया बढ़ाए जाने की जरूरत नहीं

दिल्ली प्रदेश तिपहिया चालक महासंघ के अध्यक्ष संजय चावला का कहना है कि ऑटो का किराया बढ़ाए जाने की जरूरत नहीं है। ओला और ऊबर को देखते हुए ऑटो का किराया कम नहीं है। इसलिए किराया 8 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि मीटर शुरू होने पर पहले के 25 रुपये के लिए 2 किलोमीटर की जगह 1 किलोमीटर की दूरी निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव सही कदम है। वहीं जाम आदि में फंसने पर वेटिंग चार्ज बढ़ाया जाना भी सही है।

2013 से किराया नहीं बढ़ाया गया

वहीं आम आदमी ऑटो यूनियन के उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह व संतोष पांडेय का कहना है कि किराया बढ़ाया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2013 से किराया नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऑटो किराया बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं, वह उनका हित नहीं चाहते हैं। ऑटो की फिटनेस फीस पहले 200 रुपये थी जो अब 600 हो गई है। इंश्योरेंस पहले 3500 रुपये में था, अब 7500 हो गया है। स्पेयर पार्ट के दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में किराया बढ़ना चाहिए।

किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर हुआ फैसला

बता दें कि ऑटो का किराया बढ़ाए जाने के बारे में ऑटो चालकों की यूनियनों की राय और उनके सुझाव जानने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर सोमवार को बैठक बुलाई थी। जिसमें ऑटो का किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर फैसला लिया गया।

यह है टैक्सी के किराये का स्लैब

टैक्सी का मीटर ऑन होने पर दो किलोमीटर तक के लिए बेस फेयर 25 रुपये निर्धारित है। उसके बाद प्रति किलोमीटर में नॉन एसी में 14 रुपये और एसी में 16 रुपये प्रति किलोमीटर सरकार की ओर से निर्धारित है। मगर एप आधारित टैक्सी वाले इसका पालन नहीं करते हैं।

एप आधारित टैक्सी सेवा

ओला व ऊबर के किराये का स्लैब टैक्सी में बैठने का बेस फेयर 50 रुपये निर्धारित है। इसके अलावा प्रति किलोमीटर छह रुपये किराया लगता है। इसके साथ ही प्रति मिनट एक रुपये का प्रतीक्षा शुल्क है। शेयरिंग का स्लैब शेयरिंग में प्रति सवारी 5 किलोमीटर के 39 रुपये, 9 किलोमीटर के 59 रुपये और 19 किलोमीटर के 99 रुपये निर्धारित है। ऑटो के किराये का स्लैब मीटर ऑन होने पर दो किलोमीटर तक बेस फेयर 25 रुपये निर्धारित है। इसके आगे जाने पर 8 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया बढ़ता जाता है। इसके अलावा प्रतीक्षा शुल्क जाम में फंसने के 15 मिनट बाद शुरू होता है जो प्रति डेढ़ मिनट का 80 पैसे है।

ऑटो किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव का स्लैब

अब 25 रुपये के बेस फेयर में दो नहीं बल्कि एक किमी का सफर ही शामिल होगा। इससे आगे प्रति किमी के लिए आठ के बजाय 10 रुपये का भुगतान करना होगा। इतना ही नहीं, प्रतीक्षा शुल्क में भी इजाफा कर दिया गया है। अब कहीं भी बीच में रुकने अथवा जाम लगने की स्थिति में एक रुपया प्रति मिनट की दर से यात्री को प्रतीक्षा शुल्क यात्री को देना होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.