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दिल्‍ली एयरपोर्ट की एक और उपलब्‍धि, एशिया में कम कार्बन उत्सर्जन करने वाला बना पहला एयरपोर्ट

वर्ष 2030 तक आइजीआइ को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) प्रवक्ता ने बताया कि एसीआई द्वारा एयरपोर्ट को कार्बन उत्सर्जन की रेटिंग देने की योजना की शुरुआत वर्ष 2009 में शुरू की गई थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:15 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 10:02 AM (IST)
दिल्‍ली एयरपोर्ट की एक और उपलब्‍धि, एशिया में कम कार्बन उत्सर्जन करने वाला बना पहला एयरपोर्ट
विश्‍व के 300 एयरपोर्ट के बीच हुई प्रतियोगिता में आइजीआइ को मिली एक और उपलब्धि।

नई दिल्ली, संतोष शर्मा। भारत का सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट आइजीआइ देश ही नहीं एशिया में सबसे कम कार्बन उत्सर्जन करने वाला एयरपोर्ट बन गया है। इसके लिए यूरोप एनुअल एसेंबली एंड कांग्रेस (एसीआइ) ने आइजीआइ को 4+मानक से नवाजा है। यह एयरपोर्ट को अपने यहां बेहतर तरीके से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के प्रबंधन के लिए दिया जाने वाला सबसे उच्च वैश्विक मानक है। इस सर्वे में विश्व भर के 300 एयरपोर्ट को शामिल किया था। इसका उद्देश्य एयरपोर्ट पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। 

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2030 तक शून्‍य उत्‍सर्जन का है लक्ष्‍य

वर्ष 2030 तक आइजीआइ को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है।  दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) प्रवक्ता ने बताया कि एसीआई द्वारा एयरपोर्ट को कार्बन उत्सर्जन की रेटिंग देने की योजना की शुरुआत वर्ष 2009 में शुरू की गई थी। वर्तमान में इसके तहत चार मानक तय किए गए हैं। पहला मानक मानचित्रण, दूसरा कमी, तीसरा अनुकूलन और चौथा परिवर्तन व संक्रमण है। 

आइजीआइ ने पहले भी दिखाया है दम

वर्ष 2016 में आइजीआइ को एशिया का कम कार्बन उत्सर्जन में लेवल 3+ मानक प्राप्त हुआ था। यह उस समय का सबसे उच्चतम मानक था। इस वर्ष एसीआई ने इसके मानक में संशोधन कर स्तर 4 (परिवर्तन) और स्तर 4+ (संक्रमण) को भी जोड़ा। आइजीआइ ने इस उच्च मानक को प्राप्त कर लिया। 

डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए एयरपोर्ट पर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। सर्वश्रेष्ठ निर्माण के साथ ही कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। ग्रीन एयरपोर्ट के तहत वहां ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल उपाए किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) इत्यादि का निर्माण कराया गया है। 

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