Delhi Air Pollution: पुलिस की विफलता से चोरी-छिपे हुई पटाखों की बिक्री, दीवाली की रात लोगों ने खूब की आतिशबाजी
राहत की बात यह रही कि कि रविवार को हवा की दिशा पूर्वी हो गई और उसकी गति भी 12 किमी तक रही। ऐसे में प्रदूषण कुछ हद तक छटा जरूर लेकिन फिर भी गंभीर श्रेणी में ही बना रहा।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी को प्रदूषण से बचाने के लिए पटाखे बेचने और चलाने पर लगा प्रतिबंध दीवाली की रात बहुत हद तक बेअसर नजर आया। दिल्लीवासी इसकी धज्जियां उड़ाते दिखे, इस वजह से राजधानी की हवा बिगड़ गई। पिछले चार वर्षों में दीवाली पर सबसे ज्यादा प्रदूषण रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। आतिशबाजी से किस तरह से हवा जहरीली हुई यह शनिवार शाम और देर रात को प्रदूषण का स्तर देखने से पता चलता है।
पटाखे चलने के पहले दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम था, लेकिन जब पटाखे चलने लगे तो इसमें इजाफा होता चला गया। देर रात से सुबह तक स्थिति बेहद खराब रही। कई इलाकों में एयर इंडेक्स 500 और पीएम 2.5 का स्तर 1000 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंचने से हेल्थ इमरजेंसी वाले हालात बन गए।
प्रभावी तरीके से पटाखों पर रोक लागू नहीं होना चिंता की बात है। इससे सरकार, प्रशासन, पुलिस और राजनीतिक पार्टियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा होता है। प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई थी। भाजपा का कहना था कि ग्रीन पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस जारी करने के चंद दिनों के बाद प्रतिबंध की घोषणा व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने वाली है।
प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस की विफलता से भी चोरी-छिपे पटाखों की बिक्री हुई और दीवाली की रात लोगों ने खूब आतिशबाजी की। इससे सबक लेने की जरूरत है। जिस प्रकार से दीपक बिना किसी भेदभाव के हर तरफ अपना प्रकाश बिखेरता है, उसी प्रकार से हमें दूसरों की दीवाली को रोशन करने का प्रयास करना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हमारी वजह से किसी को कोई तकलीफ न हो। कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम औरों की दीवाली भी रोशन कर सकते हैं।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो