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Delhi Air Pollution: दिल्ली में गुरुवार से डीजल-पेट्रोल जेनरेटर पर प्रतिबंध, DPCC ने जारी किया आदेश

Delhi Air Pollution 2020 बृहस्पतिवार से डीजल से संचालित जेनरेटर बंद कर दिए जाएंगे। डीजल जनरेटर पर यह बैन अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस दौरान जनरेटर चलाने की छूट सिर्फ अस्पतालों रेलवे और आवश्यक सेवाओं को मिलेगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 04:50 PM (IST)
Delhi Air Pollution: दिल्ली में गुरुवार से डीजल-पेट्रोल जेनरेटर पर प्रतिबंध, DPCC ने जारी किया आदेश
डीजल से संचालित जनरेटर बंद कर दिए जाएंगे।

नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआइ। राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने गुरुवार यानी 15 अक्टूबर से आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल, पेट्रोल और केरोसिन से चलने वाले  जनरेटर सेट्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। जेनरेटर पर यह बैन अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस दौरान जेनरेटर चलाने की छूट सिर्फ अस्पतालों, रेलवे और आवश्यक सेवाओं को मिलेगी। इसके अलावा अगर कहीं भी इसे संचालित करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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इसकी जानकारी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) यानी डीपीसीसी ने दी। डीपीसीसी ने बताया कि राजधानी दिल्ली में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर 15 अक्टूबर से डीजल, पेट्रोल, केरोसिन से चलने वाले जेनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

ईपीसीए ने पहले ही दे दी थी सूचना

इससे पहले पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने 6 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर के शहरों से संबंधित राज्य सरकारों को यह स्पष्ट कर दिया था कि 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक डीजल जेनरेटर पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान किसी कंपनी या अन्य जगह पर इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित होगा। 

पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू होगा ग्रेप

बता दें कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत इस बार सर्दियों में पूरे दिल्ली-एनसीआर में डीजल जेनरेटर बंद रहेंगे। कोरोना के कारण इस वर्ष ईपीसीए किसी भी आधार पर कोई छूट नहीं देगी। रअसल, इस तरह का प्रतिबंध पिछले वर्ष भी लगाया गया था, लेकिन कुछ राज्य सरकारों ने इसमें छूट देने की मांग की थी। तब तर्क यह दिया गया कि कई आवासीय कॉलोनियां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं, जो बिजली के लिए पूरी तरह से डीजल जेनरेटर सेट पर ही निर्भर हैं। तब ईपीसीए ने इसी शर्त पर मोहलत दी थी कि 2020 की सर्दियों में कोई बहाना नहीं सुना जाएगा।

इस बार ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है प्रदूषण

ईपीसीए सदस्यों और डॉक्टरों ने लोगों को चेताया है कि कोरोना संक्रमण के कारण इस साल सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। डीजल जेनरेटर का धुआं फेफड़ों असर डालता है। ऐसे में कोरोना से लड़ने के लिए फेफड़ों का स्वस्थ होना जरुरी है।

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