Delhi NCR Pollution 2019: बारिश से भी राहत नहीं, एनसीआर में AQI 300 के पार; हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग
Delhi NCR Pollution 2019 संगठन ‘क्लीन एयर कलेक्टिव’ ने प्रधानमंत्री से हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग की है पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का मानना है कि अभी ऐसे हालात नहीं हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बहस्पतिवार शाम से लेकर शुक्रवार सुबह तक हुई बारिश से भी लोगों को वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिली है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) के मुताबिक शुक्रवार सुबह दिल्ली के आनंद विहार, पंजाबी बाग, लोधी रोड और इंडिया गेट के आसपास प्रदूषण के हालात बदतर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 355 बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) गुरुवार के दिन 430 दर्ज हुआ है। जबकि बुधवार को दिल्ली का एक्यूआइ 408 दर्ज हुआ था। इसके अलावा एनसीआर के शहरों में भी खतरनाक श्रेणी में प्रदूषण का स्तर दर्ज हुआ है। फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 400 से ज्यादा एक्यूआइ गुरुवार को दर्ज हुआ। वहीं सिर्फ गुरुग्राम का एक्यूआइ गुरुवार के दिन 395 दर्ज हुआ है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषक तत्व एक ही जगह पर मौजूद रहे। जिसके कारण प्रदूषण मॉनीटरिंग स्टेशन में एक्यूआइ ज्यादा दर्ज हुआ है। हालांकि पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय के प्रोजेक्ट सफर और मौसम वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि गुरुवार की रात को हुई बारिश के बाद शुक्रवार के दिन प्रदूषण में कमी आ सकती है।
जहरीली आबोहवा को लेकर केंद्र सतर्क, एजेंसियों से मांगा ब्योरा
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के साथ ही फिर से हो-हल्ला शुरू हो गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय ने भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित प्रदूषण की रोकथाम के लिए गठित एजेंसियों से उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली है। राहत की बात यह है कि दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में तेज बारिश होने से अगले एक-दो दिन में प्रदूषण स्तर में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार खराब बना हुआ है। पिछले दिनों राज्य सरकारों और इससे जुड़ी एजेंसियों की निष्क्रियता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार भी लगाई थी। लिहाजा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय ने संबंधित एजेंसियों से उठाए जाने वाले कदमों का ब्योरा मांगने के साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम के तहत जरूरी उपाय करने के निर्देश भी दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदूषण स्तर में यह बढ़ोतरी तब हुई है जब पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के पीछे पराली को बड़ी वजह बताया जा रहा था। हालांकि इसके जलाए जाने की घटनाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। ऐसे में प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी के कारणों को लेकर एजेंसियां भी चुप हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 400 के पार पहुंच गया है जबकि पीएम-2.5 का स्तर 268 के आसपास पहुंच गया है । पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय से जुड़ी एजेंसी ‘सफर इंडिया’ ने पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा के खराब होने को लेकर चेतावनी जारी की थी, लेकिन एजेंसियां चुप बैठ रहीं।
हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग
वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाले संस्थानों के संगठन ‘क्लीन एयर कलेक्टिव’ ने प्रधानमंत्री से हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग की है पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का मानना है कि अभी ऐसे हालात नहीं हैं।