Air Pollution: देश के 124 शहर रेड जोन से बाहर, दिल्ली-NCR के लोगों को भी मिली राहत
दिल्ली-एनसीआर सहित केवल 26 शहरों का एयर इंडेक्स 200 से 300 से बीच (खराब श्रेणी) में दर्ज हुआ। मालूम हो कि एयर इंडेक्स के 300 से ऊपर यानी बहुत खराब की श्रेणी में जाने पर ही किसी शहर को रेड जोन में रखा जाता है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और हवा की तेज रफ्तार ने नवंबर में दिसंबर सी ठंड का एहसास ही नहीं कराया, बल्कि वायु प्रदूषण को भी घुटनों पर ला दिया है। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर सहित देश के 124 शहर रेड जोन से बाहर हो गए हैं। करीब डेढ़ माह बाद रविवार को ऐसा पहली बार हुआ, जब लोगों को सांस लेने में परेशानी नहीं हुई। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश कहीं की हवा बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में नहीं रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रविवार को देश के 124 शहरों का एयर इंडेक्स जारी किया। 98 शहरों का एयर इंडेक्स 200 से भी नीचे रहा। दो शहरों का एयर इंडेक्स 50 से नीचे यानी अच्छा, 41 का 100 से नीचे यानी संतोषजनक जबकि 55 शहरों का एयर इंडेक्स 101 से 200 के बीच यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर सहित केवल 26 शहरों का एयर इंडेक्स 200 से 300 से बीच (खराब श्रेणी) में दर्ज हुआ। मालूम हो कि एयर इंडेक्स के 300 से ऊपर यानी बहुत खराब की श्रेणी में जाने पर ही किसी शहर को रेड जोन में रखा जाता है।
इससे पूर्व देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हर जगह की हवा प्रदूषण मुक्त हुई थी। अनलॉक में हवा फिर खराब होने लगी। मानसून की रिमझिम फुहारों ने एक सितंबर को फिर से खुलकर सांस लेने का मौका दिया। इसके बाद छह अक्टूबर तक एयर इंडेक्स कभी मध्यम औैर कभी खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। इसके बाद शहर रेड जोन में पहुंचने लगे। दीपावली के आसपास तो काफी शहरों की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।
एयर इंडेक्स के मानक
0 से 50 के बीच अच्छा
51 से 100 -संतोषजनक
101 से 200-सामान्य
201 से 300-खराब
301 से 400-बहुत खराब
401 से 500-गंभीर
501 से ऊपर -आपातस्थिति
देश के प्रमुख शहरों का एयर इंडेक्स
दिल्ली -274
गाजियाबाद- 288
नोएडा - 273
आगरा - 171
अमृतसर - 100
चंडीगढ़ --81
गया -- 78
इंदौर - 122
जयपुर - 132
कानपुर - 230
पटना -- 166
वाराणसी - 180
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति के सदस्य डॉ. दीपांकर साहा ने बताया कि मौसम की मेहरबानी और हवा की अच्छी रफ्तार से इस समय प्रदूषक तत्व और धूल कण थोड़ा थमे हुए हैं। इसीलिए हवा बहुत अधिक प्रदूषित नहीं है। पर्यावरण की दृष्टि से यह स्थिति राहत भरी कही जा सकती है।
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