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दिल्ली एम्स में फीस सिर्फ 300 रुपये तो ऋषिकेश एम्स में 60 हजार रुपये क्यों?

दिल्ली एम्स में पीजी परीक्षा के लिए सिर्फ 300 रुपये शुल्क निर्धारित है तो ऋषिकेश एम्स में यह 60 हजार रुपये कैसे हो सकता है?

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 01:21 PM (IST)
दिल्ली एम्स में फीस सिर्फ 300 रुपये तो ऋषिकेश एम्स में 60 हजार रुपये क्यों?
दिल्ली एम्स में फीस सिर्फ 300 रुपये तो ऋषिकेश एम्स में 60 हजार रुपये क्यों?

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी माहौल में इन दिनों सियासी गर्मी चरम पर है। इसी बीच देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स में मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) की परीक्षा शुल्क का मुद्दा भी गरमा गया है। दिल्ली एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि ऋषिकेश एम्स में पीजी की परीक्षा में शिरकत करने के लिए छात्रों को 60 हजार रुपये का भारी भरकम शुल्क जमा करने का फरमान जारी हुआ है। इससे डॉक्टरों को सरकारी संस्थानों में भी मेडिकल शिक्षा के महंगे होने का डर सताने लगा है। साथ ही वे इस बात से हैरान हैं कि दिल्ली एम्स में पीजी परीक्षा के लिए सिर्फ 300 रुपये शुल्क निर्धारित है तो ऋषिकेश एम्स में यह 60 हजार रुपये कैसे हो सकता है?

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एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर ने व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया और कहा कि ऋषिकेश एम्स का आदेश छात्रों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीजी की परीक्षा में चार पेपर होते हैं।

परीक्षा में छात्रों से प्रति पेपर कुछ शुल्क लिया जाता है। दिल्ली एम्स में यह शुल्क प्रति पेपर 75 रुपये तय है। ऋषिकेश एम्स में स्नातकोत्तर के पहले बैच की परीक्षा एक, तीन, पांच व सात जून को होनी है। इस संस्थान ने एक मई को जारी अपने आदेश में परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को प्रति पेपर 15,000 रुपये शुल्क जमा करने को कहा है। वहां के छात्रों ने दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से अपनी परेशानी बताई और इस बाबत मदद मांगी है।

डॉ. विजय गुर्जर ने कहा कि सभी एम्स में दाखिले के लिए दिल्ली एम्स प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। एम्स के बेहतर संचालन के लिए मंत्रालय ने केंद्रीय इंस्टिट्यूट बॉडी का गठन किया है। ऐसे में ऋषिकेश एम्स खुद इतना बड़ा फैसला कैसे ले सकता है। इससे सेंट्रल इंस्टिट्यूट बॉडी का महत्व क्या रह जाएगा। यदि संस्थान में एम्स ब्रांड नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है तो सभी एम्स में परीक्षा शुल्क भी करीब एक समान होनी चाहिए। ऋषिकेश एम्स के फैसले से स्नातकोत्तर मेडिकल के छात्रों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। साथ ही इससे दूसरे संस्थान शुल्क बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

एम्स ऋषिकेश में पीजी परीक्षा के लिए 60 हजार नहीं, बल्कि 15 हजार रुपये शुल्क लिया जा रहा है। दिल्ली और ऋषिकेश एम्स के बीच फीस में अंतर का कारण यह है कि एम्स ऑटोनॉमस संस्थान है। एम्स में जो भी शुल्क निर्धारण होता है, उसकी स्वीकृति एकेडमिक काउंसिल से ली जाती है। दिल्ली एम्स का बजट ऋषिकेश से पांच गुना अधिक है।

डॉ. मनोज गुप्ता, प्रवक्ता, एम्स, ऋषिकेश

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