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Delhi Metro: फेज-4 मेट्रो के निर्माण के लिए जापान की 'yes' का इंतजार

Delhi Metro जापान की एजेंसी जेआइसीए (जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी) से अभी तक लोन स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके लिए कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 12:27 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 01:31 PM (IST)
Delhi Metro: फेज-4 मेट्रो के निर्माण के लिए जापान की 'yes' का इंतजार
Delhi Metro: फेज-4 मेट्रो के निर्माण के लिए जापान की 'yes' का इंतजार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Metro: फेज चार में स्वीकृत तीन प्रमुख कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) शुरू कर चुका है और जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर के एलिवेटेड हिस्से पर काम जल्द ही शुरू होने वाला है। वहीं, फेज चार के भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने में विलंब होता दिख रहा है। इसकी वजह जापान की एजेंसी जेआइसीए (जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी) से अभी तक लोन स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके लिए कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।

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दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के विकास में जेआइसीए से लोन के रूप में मिले सहयोग का अहम योगदान रहा है। फेज एक से फेज तीन तक के मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीएमआरसी को इससे भारी भरकम रकम लोन के रूप में मिली है। दिल्ली मेट्रो के अधिकारी बताते हैं कि इस एजेंसी से लोन सिर्फ भूमिगत कॉरिडोर के निर्माया के लिए लिया जाता है। क्योंकि इसके निर्माण पर खर्च ज्यादा आता है। एक किलोमीटर भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण पर करीब 400 करोड़ तक खर्च आता है। फेज चार के तीन प्रमुख कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीएमआरसी को अभी मंजूरी मिली है। इसमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग, ऐयरोसिटी-साकेत और मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर शामिल हैं।

इन तीनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 61.67 किलोमीटर है। इसमें से 22.38 किलोमीटर भूमिगत और 39.30 किलोमीटर ऐलिवेटेड है। भूमिगत कॉरिडोर के लिए जेआइसीए से करीब 12 हजार 930 करोड़ रुपये लोन लिया जाएगा। यह एजेंसी अब तक दिल्ली मेट्रो को सॉफ्ट लोन देती रही है।

बताया जाता है कि अब यह एजेंसी चाहती है कि परियोजनाओं के टेंडर में जापान की कंपनियों को अहमियत दी जाए। इस सख्त शर्त के कारण अभी तक समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। डीएमआरसी चाहता है कि उसे पहले की तरह सॉफ्ट लोन ही उपलब्ध हो। हालांकि, इस मामले पर डीएमआरसी अधिकारिक तौर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल प्रस्तावित भूमिगत कॉरिडोर में सिर्फ एक छोटे से हिस्से (जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क) के लिए टेंडर हुआ है।

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