किसी भी भाषा में डिजिटल डिग्री होगी विदेशी विश्वविद्यालय में मान्य, हाई कोर्ट ने दिया आदेश
अधिवक्ता सार्थक मग्गन के माध्यम से दायर याचिका पर पीठ ने डीयू से कहा कि वह जानकारी उपलब्ध कराए कि वर्ष 2017 से पहले और 2018 एवं 2019 में स्नातक करने वाले छात्रों की डिग्री कब तक जारी करेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हाई कोर्ट ने विभिन्न छात्रों की याचिका पर स्पष्ट किया कि विदेशी विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं में एकल भाषा से लेकर द्विभाषीय डिजिटल डिग्री मान्य होगी। छात्रों की तरफ से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि दोनों ही भाषा की डिग्री विदेशी विश्वविद्यालयों में मान्य होगी।
कोरोना महामारी से पूर्व तक दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डिग्री जारी की जाती थी, लेकिन अब सिर्फ अंग्रेजी में जारी की जा रही है। इसके साथ ही विभिन्न बिंदुओं को लेकर दायर छात्रों की याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
डीयू डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र में त्रुटियों को दो दिन में सुधारे
अधिवक्ता सार्थक मग्गन के माध्यम से याचिका दायर पर पीठ ने डीयू से कहा कि वह जानकारी उपलब्ध कराए कि वर्ष 2017 से पहले और 2018 एवं 2019 में स्नातक करने वाले छात्रों की डिग्री कब तक जारी करेगा। इसके साथ ही जिन छात्रों को तत्काल डिजिटल डिग्री के लिए आवेदन किया है उनके लिए क्या व्यवस्था की गई हैं।याचिकाकर्ता छात्र अंकुर यादव ने जारी की गई डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र में ऋुटियां होने की बात की है। इस पर पीठ ने उसे गलती की विस्तृत जानकारी देते हुए डीयू के एक ई-मेल आईडी पर मेल करने का निर्देश दिया है। साथ ही डीयू को कहा कि वह सुनिश्चित करे कि गलती का दो दिन के अंदर सुधार किया जाएगा।
वहीं, एक अन्य याचिका में छात्रा ने कहा कि उसे सिंगापुर में नौकरी के लिए डिजिटल डिग्री की जरूरत है। इस पर डीयू ने पीठ को कहा कि दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद पांच अक्टूबर तक डिग्री जारी कर दी जाएगी। फिलहाल हाई कोर्ट के इस फैसले से हजारों छात्रों को राहत मिलेगी। फिलहाल डीयू सिर्फ अंग्रेजी में ही डिग्री जारी कर रहा है।
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