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निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की दीपक कोचर की मांग खारिज

आइसीआसीआइ की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्‍ली हाई कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 08:30 PM (IST)
निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की दीपक कोचर की मांग खारिज
निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की दीपक कोचर की मांग खारिज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए आइसीआसीआइ की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुग्राम या दिल्ली के निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग को भी ठुकरा दिया है। कोरोना संक्रमित दीपक वर्तमान हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स द्वारा संचालित नेशनल कैंस इंस्टीट्यूट में भर्ती हैं। दीपक ने अपने खर्च पर गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल, दिल्ली के मैक्स या सर गंगाराम हॉस्पिटल के अलावा किसी भी निजी अस्पताल के निजी वार्ड में स्थानांतरित करने की मांग की थी।

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न्यायमूर्ति एजे भंभानी ने कहा कि दीपक वर्तमान में मनी लांड्रिंग मामले में मुंबई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसे में हाई कोर्ट उन्हें स्थानांतरित करने का आदेश नहीं दे सकता है। हालांकि, ईडी के अपने खर्च पर निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने पर उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन समस्या सिर्फ इतनी है कि दीपक इस समय मुंबई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं और स्थानांतरण से पहले मुंबई की विशेष अदालत से आदेश लेना पड़ेगा।

दीपक के अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि चाणक्यपुरी थाने के सेल में ईडी द्वारा पूछताछ की गई जिसके कारण उनके मुवक्किल कोरोना संक्रमित हो गए। इसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया और वहां से झज्जर स्थित एनसीआइ भेज दिया गया। उन्होंने दलील दी कि अगर उन्हें मुंबई की विशेष अदालत की अनुमति के बगैर उन्हें दिल्ली एम्स से झज्जर एनसीआइ स्थानांतरित किया जा सकता है तो फिर निजी अस्पताल में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब दीपक का मुंबई में गिरफ्तार किया गया तो उनके खिलाफ इंफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट दिल्ली में ही दर्ज हुई थी।

हालांकि, दीपक कोचर के अधिवक्ता की दलीलों से न्यायमूर्ति भंभानी सहमत नहीं हुए और कहा कि अगर ईडी ने गलती की है तो वह भी कोचर को स्थानांतरित करने का आदेश देकर इसे दोहराना नहीं चाहते। पीठ ने कहा कि अगर आप ईडी हिरासत में होते तो आपकी याचिका का आधार था, लेकिन अब आप मुंबई की अदालत के न्यायिक हिरासत में हैं तो दिल्ली हाई कोर्ट स्थानांतरित करने का आदेश नहीं दे सकता।

पीठ को रुख को देखते हुए कोचर के अधिवक्ता ने याचिका वापस ले ली। मुंबई कोर्ट ने कोचर को 19 सितंबर तक के लिए ईडी हिरासत में भेजा है। विडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनीज को अवैध तरीके से 1875 करोड़ का लोन स्वीकृत करने के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने चंदा कोचर, दीपक कोचर, विडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

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