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Delhi: 11 वर्षीय मनन को अगवा कर हत्या करने के मामले में 11 साल बाद आज आएगा फैसला

रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद 30 सितंबर को मामले के आरोपित जीवक नागपाल उर्फ शैंकी को दोषी करार दे चुके हैं। सोमवार को अदालत में सजा पर बहस हुई अब मंगलवार को सजा पर फैसला आएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:02 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:02 AM (IST)
Delhi: 11 वर्षीय मनन को अगवा कर हत्या करने के मामले में 11 साल बाद आज आएगा फैसला
दिल्ली स्थित रोहिणी कोर्ट की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 11 साल पूर्व बाहरी दिल्ली इलाके में सुर्खियों में रहे 11 वर्षीय मनन महाजन का सात करोड़ रुपये की फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर देने के मामले में रोहिणी कोर्ट मंगलवार को सजा सुनाएगी। रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद 30 सितंबर को मामले के आरोपित जीवक नागपाल उर्फ शैंकी को दोषी करार दे चुके हैं। सोमवार को अदालत में सजा पर बहस हुई, अब मंगलवार को सजा पर फैसला आएगा। अभियोजन पक्ष ने मामले को दुलर्भतम श्रेणी का बताते हुए दोषी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। मंगलवार को बचाव पक्ष की दलीलों के बाद अदालत का फैसला आएगा।

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पिता को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए दिया था वारदात को अंजाम

दोषी जीवक घटना के समय चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) प्रथम वर्ष का छात्र था। उसके पिता का चमड़े का कारोबार था, जिसमें घाटा होने पर वह गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। ऐसे में दोषी ने पिता को आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलाने के लिए पड़ोस में रहने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी राजेश महाजन के बेटे मनन को अगवा करने के बाद फिरौती वसूलने की योजना बनाई। जीवक को लगा कि राजेश महाजन काफी पैसे वाले हैं। वह आसानी से फिरौती की रकम दे सकते हैं।

घुमाने के बहाने कार में बैठाया था

18 मार्च 2009 की शाम मनन जब पेन खरीदने पास की दुकान पर गया तब घर लौटते वक्त जीवक की नजर उस पर पड़ गई। उसने मनन को एक चक्कर घुमा लाने की बात कहकर अपनी कार में बैठा लिया। कुछ दूर जाते ही मनन ने वापस घर छोड़ देने की बात कहते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर गुस्से में आकर जीवक ने मनन का जोर से गला दबा दिया। गला दबाने पर वह बेहोश हो गया। काफी देर के बाद उसे होश आया तो जीवक बुरी तरह डर गया। उसने अमन के पेट में पेचकस घोंपकर हत्या ही कर दी। हत्या के बाद वह और डर गया। उसने रोहिणी सेक्टर 24 के दीप विहार स्थित नाले में शव को फेंक दिया।

हत्या के बाद मांग रहा था फिरौती

मनन की हत्या कर देने के बाद जीवक ने शाम करीब साढे़ सात बजे उसके पिता को एसएमएस भेजकर बेटे की रिहाई के लिए पहले 15 लाख फिरौती देने की मांग की। उस दौरान उसके पिता किसी काम से चंडीगढ़ गए थे। फोन बंद होने के कारण उनकी नजर नहीं पड़ी। देर रात साढ़े दस बजे वापस घर लौटने पर जब उन्होंने मोबाइल ऑन किया तब उन्होंने देखा कि किसी ने उन्हें मैसेज भेजा है। कुछ घंटे बाद दोबारा मैसेज भेजकर 25 लाख की मांग की गई। अगले दिन फिरौती की रकम बढ़ाकर सात करोड़ तक कर दी गई। अपहरण व हत्या के बाद फिरौती मांगने के क्रम में पुलिस उस पर शक न करे इसके लिए उसने पहले ही फर्जी नाम व पते पर दो सिमकार्ड व एक नया मोबाइल खरीद लिया था। उसी से फिरौती की मांग की गई।बॉक्सपुराने सिम को नये मोबाइल में लगाने से खुला राजजांच के क्रम में प्रशांत विहार थाना पुलिस ने उसके नये मोबाइल फोन का ईएमआइ नंबर प्राप्त कर लिया था। फिरौती मांगने के दौरान उसका पुराना मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो जाने पर उसने पुराने सिम को नये मोबाइल में लगाकर अपने एक दोस्त को कॉल किया था। पुलिस को उसी से सुराग मिला। इसके बाद सख्ती से पूछताछ करने पर उसे दबोच लिया गया और उसकी निशानदेही पर नाले से शव भी बरामद कर लिया गया था।

जीवक ने बहुत मुश्किल से कबूला था गुनाह

जीवक बहुत ही शातिर दिमाग वाला था। वारदात के बाद घर आते ही वह मनन के घर यह देखने आ गया था कि पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है। बार-बार मनन के घर आते देख उसकी संदिग्ध हरकतों पर हम लोगों को शक हो गया। पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। वह मनन के घर से निकल कर अपने घर की बालकनी में जाकर दोस्तों से बात करता था। इस पर शक और गहरा गया। पूछताछ करने पर वह किसी भी जानकारी से साफ इनकार कर देता था। मोबाइल की कॉल डिटेल निकालने के बाद भी जब उससे पूछताछ की तब भी उसने साफ इनकार कर दिया था। वह चुपके से फिरौती के लिए मनन के पिता को मैसेज भेज देता था, लेकिन पैसे लेने नहीं आता था।

अतुल कटियार, बाहरी जिले के तत्कालीन डीसीपी (अब ट्रांसपोर्ट रेंज के विशेष आयुक्त हैं) का कहना है कि उस दौरान मैं बाहरी जिले का डीपीसी था और कर्नल सिंह संयुक्त आयुक्त थे। कर्नल सिंह ने मुझसे कहा था कि अगर मैं जीवक से गुनाह नहीं कबुलवा सका तो वह खुद ही उससे पूछताछ करेंगे। उनकी यह बात मुझे बहुत बुरी लगी। तब मैं पुलिस टीम के साथ जीवक के घर पहुंचा और उसे एक कमरे में बंदकर सख्ती से पूछताछ करना शुरू किया। कई घंटे तक पूछताछ करने पर भी जब वह सच्चाई बताने को तैयार नहीं हुआ तब उसके कपड़े उतरवा कर पिटाई की गई। पिस्टल दिखाकर डराया गया। जब उसे लगा कि पुलिस उसकी हत्या भी कर सकती है तब उसने गुनाह कबूला। उसके बाद उसे साथ ले जाकर पुलिस ने मनन का शव नाले से बरामद किया और 24 घंटे के अंदर केस खोल दिया गया।

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