वाह री यूपी पुलिस, 100 नंबर पर मांगी मदद तो पीड़ित युवक से गाड़ी में लगवाया धक्का
बदमाशों के हाथों लूटे हैरान-परेशान पीड़ित के पीआरवी को धक्का लगाने में पसीने छूट गए। इन सब के बीच बदमाश भाग गया और पुलिस चलती बनी।
नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। जिस नोएडा पुलिस का चेहरा दिखाकर यूपी पुलिस खुद को भारत के आधुनिकतम पुलिस होने का दावा करती है, उसकी सच्चाई इस तस्वीर से उजागर होती है। यूपी पुलिस के डायल 100 की पीआरवी को धक्का लगाता यह कोई और नहीं, लूट पीड़ित है, जो वारदात के बाद मदद मांगने और बदमाश को पकड़वाने के लिए पीआरवी के पास पहुंचा था। वहां पहुंच कर पता चला है कि पीआरवी खराब है, स्टार्ट ही नहीं हो रही है। पुलिस बदमाशों को क्या पकड़ती, उसने पीड़ित को ही पीआरवी में धक्का लगाने का फरमान सुना दिया। पहले बदमाशों के हाथों लूटा हैरान-परेशान पीड़ित ने पीआरवी को धक्का लगाने में पसीने बहाए। इन सब के बीच बदमाश भाग गया। फिर पीड़ित की मेहनत से स्टार्ट पीआरवी को लेकर पुलिसकर्मी चले गए।
सेक्टर-30 के पास हुई वारदात
यह सब सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में शुक्रवार दोपहर 2 बजे हुआ। जहां सेक्टर-45 स्थित आम्रपाली सफायर के पास सड़क हादसे में घायल अनिल (30) को डायल 100 की पीआरवी वैन-1842 में तैनात पुलिसकर्मियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिसकर्मी घायल मरीज की एंट्री करा ही रहे थे कि उनके पास दौड़ता हुआ लूट का शिकार युवक आया। उसने पुलिस से अपने साथ हुई वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित को पकड़ने की गुहार लगाने लगा। पीड़ित के निवेदन पर पुलिस उसे साथ लेकर आरोपितों को पकड़ने निकल पड़े। लेकिन डग्गामार पीआरवी जब तक स्टार्ट होती आरोपित फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार लूट का शिकार युवक कान में मोबाइल फोन पर बात करते हुए निठारी से सेक्टर-18 की तरफ जा रहा था। तभी पीछे से आए बाइक सवार दो युवक उससे मोबाइल छीनकर फरार हो गए। पीड़ित ने आरोपितों को पकड़ने के लिए दौड़ा भी, लेकिन कामयाब नहीं हो सका। वह निराश होकर लौट रहा था कि तभी उसे जिला अस्पताल में खड़ी डायल-100 की पीआरवी वैन दिखाई दी।
क्या है पीआरवी 100
दअरसल यूपी 100 पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) यूपी पुलिस की हाईटेक सेवा है। इसमें पुलिस वाहनों के बेड़े में इनोवा जैसी हाईटेक गाड़ी को शामिल किया गया है। इस वैन के सहारे नोएडा पुलिस घटना स्थल पर अधिकतम 20 मिनट में पहुंचने का दवा करती है। लेकिन रख-रखाव के चलते अब यह इनोवा भी जहां-तहां खड़ी होने लगी हैं। ऐसे में अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद ढीली नजर आ रही है।