दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के पिता का निधन, सीएम अरविंद केजरीवाल ने जताया शोक
कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के कारण दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) के पिता का निधन हो गया है। इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर शोक जताया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के कारण दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के पिता का निधन हो गया है। इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर शोक जताया है। वहीं, इससे पहले आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य नारायण दास गुप्ता (एनडी गुप्ता) की पत्नी वीना गुप्ता का शनिवार को कोरोना से निधन हो गया। आप नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और सुशील गुप्ता ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। वीना गुप्ता के निधन पर मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दुख जताया है। एनडी गुप्ता और उनकी पत्नी दोनों कोरोना पाजिटिव थे। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। 28 अप्रैल को उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी थी। इसके साथ ही अपने संपर्क आए लोगों से सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही एहतियातन अस्पताल में दोनों लोग भर्ती हो गए थे। इसी बीच शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद वीना का निधन हो गया।
मशहूर सितार वादक देबू चौधरी का कोरोना से निधन
मशहूर सितार वादक पंडित देवब्रत चौधरी (85) का कोरोना से निधन हो गया। बुधवार को उनके कोरोना संक्रमित होने का पत चला था, जिसके बाद से उनका राजधानी के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान ही शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे प्रतीक चौधरी ने ट्वीट से जानकारी देते हुए लिखा, 'मेरे पिता, सितार के दिग्गज, पंडित देबू चौधरी नहीं रहे। उन्हें कोविड के साथ ही डिमेंशिया की जटिलताओं के साथ भर्ती कराया गया था। उन्हें शुक्रवार देर रात वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नहीं जा सका ।' उनकी मौत से उनके बेटे प्रतीक, बहू रूना, पोती रयाना और पोता शोक संतप्त हैं। पद्मभूषण से सम्मानितवे जयपुर के सेनिया संगीत घराने से ताल्लुक रखते थे। माना जाता है इस घराने की स्थापना तानसेन परिवार के वंशजों ने की थी और यह घराना रागों की शुद्धता को संरक्षित रखने के लिए जाना जाता है। देबू चौधरी को पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे शिक्षक और लेखक भी थे। उन्होंने छह पुस्तकें लिखीं और नए राग बनाए। चौधरी का जन्म 1935 में म्यमेन¨सह (मौजूदा बांग्लादेश का हिस्सा) में हुआ था। जब वे चार वर्ष के थे तभी से प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू कर दिया था। शुरुआती दौर में उन्होंने मुश्ताक अली खान से प्रशिक्षण हासिल किया। चौधरी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए संगीतज्ञ निलाद्री कुमार ने कहा, 'कोविड और उसकी जटिलताओं के कारण सितार वादक पंडित देबू चौधरी जी के निधन की एक और दुखभरी खबर। उनकी विरासत उनके बेटे के माध्यम से जारी रहे, यही कामना है और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।'