दिल्ली के इस जगह पर डीडीए के फ्लैट हुए जर्जर, दे रहे हैं हादसों को न्यौता
गौतमपुरी स्थित डीडीए सोसायटी में रहने वाले सैकड़ों लोग डीडीए अधिकारियों की लापरवाही के कारण परेशान हैं।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। गौतमपुरी स्थित डीडीए सोसायटी में रहने वाले सैकड़ों लोग डीडीए अधिकारियों की लापरवाही के कारण परेशान हैं। इस सोसायटी का रखरखाव न होने के कारण यह जर्जर हो गई है। सोसायटी के लोगों ने बताया कि फ्लैट देते समय डीडीए ने 30 साल तक मेंटेनेंस का वादा किया था। लोगों ने मेंटेनेंस के लिए अलग से पैसे भी जमा कराए थे।
सोसायटी में बने फ्लैटों की हालत जर्जर हो चुकी है, सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। इस सोसायटी में 690 फ्लैट्स हैं। वहीं, सोसायटी की बाउंड्री की हालत भी खराब हो चुकी है। स्थानीय लोगों व आरडब्ल्यूए के लोगों ने विधायक और सांसद से लेकर सभी संबधित अधिकारियों से इसकी शिकायत की है, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
हर तीसरे साल की जानी थी मरम्मत
सोसायटी के लोग नौ साल से डीडीए दफ्तर के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों का आरोप है कि खरीदारों ने प्रति फ्लैट डीडीए को एक लाख रुपये मेंटेनेंस चार्ज दिया था। इसमें डीडीए को हर तीन साल में सफेदी, प्लास्टर और हर 10 वर्ष ग्रिल वॉश, खिड़की व छज्जों की मरम्मत व बालकनी की मरम्मत करनी है, लेकिन समय पर मरम्मत न होने से फ्लैटों में सीलन आने के साथ पिलरों में दरार आ रही हैं। सड़क टूटी, बाउंड्री बदहाल इलाके में रोड टूट चुकी है।
बाउंड्री में जगह-जगह से पपड़ी छूटकर गिर रही है। यहां के लोगों ने बताया कि डीडीए के पास सात करोड़ रुपये सोसायटी की देखभाल के लिए जमा किया जा चुका है, लेकिन अब तक उन रुपयों का उपयोग नहीं किया गया है। आरडब्ल्यूए ने स्थानीय विधायक, सांसद, डीडीए अधिकारियों व मुख्यमंत्री तक को इस बारे में पत्र भेजकर शिकायत दी है। सोसायटी के सामने फैली गंदगी सोसायटी के सामने खाली पड़े मैदान पर कूड़े का बड़ा ढेर लगा हुआ है।
इस मैदान में कई लोग भवन का मलबा गिरा देते हैं व सफाईकर्मी इसमें रोजाना डंपिंग प्लेस की तरह कूड़ा डाल जाते हैं। लोगों ने कई बार नगर निगम के अधिकारियों व स्थानीय निगम पार्षद को इसकी शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरडब्ल्यूए महासचिव संजीव यादव ने बताया कि खुद के पैसों से सड़क बनवाई गई है, क्योंकि कई बार हम लोग सड़क में गड्ढों के कारण अपने वाहनों से गिर जाते थे, लेकिन अब भी सड़कों की हालत खराब है। पूरी सड़क बनाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। आरडब्ल्यूए सदस्य रमेश पांडेय ने कहा कि डीडीए अधिकारियों की लापरवाही के कारण फ्लैटों की हालत जर्जर हो चुकी है। बरसात में तो इन फ्लैटों में रहने में भी डर लगता है। जर्जर हालत देखकर हादसे का भय बना रहता है।
आरडब्ल्यूए के एक अन्य सदस्य रमेश पांडेय ने बताया कि यहां के पानी से कई लोग बीमार पड़ चुके हैं। हमें बाहर से पानी खरीदकर पीना पड़ता है। जल बोर्ड के पानी की सप्लाई के लिए हम लोगों ने पैसा दे रखा है, लेकिन अब तक हमें जल बोर्ड का पानी नहीं मिला है। आरडब्ल्यूए उपाध्यक्ष रमाकांत पांडेय ने कहा कि हम लोगों ने कई बार डीडीए के दफ्तर में जाकर अपनी परेशानी बताई है, लेकिन कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है।