झारखंड की रहने वाली 13 साल की लड़की को दिल्ली महिला आयोग ने कराया मुक्त
Delhi womens commission news दिल्ली महिला आयोग ने प्लेसमेंट एजेंसी की ओर से मॉडल टाउन के एक घर में घरेलू सहायिका के तौर पर रखी गई झारखंड की 13 वर्षीय बच्ची को मुक्त कराया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi womens commission news: दिल्ली महिला आयोग ने पिछले दिनों उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन स्थित एक घर से 13 वर्षीय बच्ची को मुक्त कराया है। आयोग के मुताबिक, नाबालिग बच्ची को मॉडल टाउन के एक घर में बगैर वेतन दिए घरेलू काम पर रखा गया है जहां उसके साथ मारपीट भी की जाती है। बच्ची को बचाने के बाद उसके बयान दर्ज करवाकर मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इसके बाद सोमवार को बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया।
महिला आयोग के मुताबिक जल्द ही मामले में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी व बच्ची को उसका वेतन दिलवाया जाएगा। इसी के साथ आरोपितों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आयोग के सदस्य ने बताया कि बच्ची मूलरूप से झारखंड की रहने वाली है। उसके माता-पिता बहुत गरीब हैं और गांव में खेती करके अपना गुजारा करते हैं। बच्ची को लगभग छह माह पहले उसके चाचा काम दिलाने के बहाने गांव से दिल्ली लेकर आए थे। जहां पर उसके चाचा ने उसे किसी प्लेसमेंट एजेंसी में उसे छोड़ दिया।
प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा बच्ची को मॉडल टाउन के एक घर में काम पर लगाया गया था। जहां उसे वेतन नहीं दिया जाता था और उसके साथ मारपीट की जाती थी। इस दौरान लड़की की मानसिक हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
वहीं, दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Delhi Women Commission President Swati Maliwal) ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी का रैकेट आज एक खतरनाक स्तर तक फैल चुका है। छोटी-छोटी बच्चियों के बचपन उनसे छीने जा रहे हैं। झारखंड, असम, बिहार और अन्य राज्यों से न जाने कितनी लड़कियों को दिल्ली लाया जाता है और उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के रैकेट में धकेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह संकल्प करती हैं कि प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा चलाए जा रहे इस रैकेट को बंद करवाकर ही दम लेंगी।