दाती महाराज को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, बढ़ सकती है मुश्किलें
सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से सीबीआइ को ट्रांसफर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की आरोपित दाती महाराज की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ को ट्रांसफर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की आरोपित दाती महाराज की मांग को हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया।
पुलिस पर सवाल
मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि मजिस्ट्रेट के सामने शिकायतकर्ता का बयान होने के बावजूद क्राइम ब्रांच ने दाती को गिरफ्तार नहीं किया। जिस तरह से पुलिस मामले की जांच कर रही थी, उससे जांच पर सवाल उठ रहे थे।
तीन अक्टूबर हो ट्रांसफर
मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने 3 अक्टूबर को जांच क्राइम ब्रांच से सीबीआइ को ट्रांसफर की थी। दाती ने 2 नवंबर को अदालत को बताया था कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने हाई कोर्ट से कई तथ्य छिपाए हैं। यह निचली अदालत को निर्धारित करना था कि अब तक हुई जांच कमजोर थी या नहीं। वहीं, पीड़िता के वकील ने मामला सीबीआइ को ट्रांसफर करने के हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था।
पुलिस का इन्कार
पुलिस ने मामले में की गई जांच के पक्षपातपूर्ण होने से इन्कार किया था। उसने यह भी कहा था कि वह मामले को सीबीआइ को ट्रांसफर करने के अदालत के फैसले को चुनौती नहीं देना चाहती है। इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दाती महाराज ने याचिका दायर की थी।
ये है मामला
गौरतलब है कि राजस्थान निवासी युवती (25) की शिकायत पर 11 जून को दाती महाराज समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोप है कि दो साल पहले दाती ने छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के आश्रम में उसके साथ पहली बार दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसके दो शिष्यों ने भी आश्रम में कई बार दुष्कर्म किया। राजस्थान स्थित आश्रम में भी दाती ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।