Move to Jagran APP

दिल्ली के कोहरे में खो गया था भाई, 10 साल बाद ग्रेटर नोएडा की खिली धूप में मिला

घने कोहरे बिछड़े दो भाई एक दशक बाद सर्दियों की खिली धूप में मिल गए। एक दशक के अंतराल में परिवार ने बिछडे भाई को मरा मानकर इस नियति को स्वीकार कर लिया था।

By Edited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 03:12 PM (IST)
दिल्ली के कोहरे में खो गया था भाई, 10 साल बाद ग्रेटर नोएडा की खिली धूप में मिला
दिल्ली के कोहरे में खो गया था भाई, 10 साल बाद ग्रेटर नोएडा की खिली धूप में मिला

नई दिल्ली/नोएडा [मनीष तिवारी]। कुंभ के मेले में बच्चों के बिछड़ने फिर मिलने की सच्ची घटनाएं आपने सुनीं और इस तरह की कहानियां भी फिल्मों में देखी होंगी, लेकिन घना कोहरा भी दो भाइयों को जुदा कर सकता है वह भी पूरे 10 साल के लिए। यह जानकर आप हैरान होंगे, लेकिन यह पूरा 100 फीसद सच है। दरअसल, 10 साल पहले घने कोहरे में दिल्ली में भाइयो के बिछड़ने और फिर ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में मिलने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। 

loksabha election banner

दिल्ली में 10 साल पहले खो गए थे दो भाई, था घना कोहरा
मूलरूप से गांव बिलोनी, थाना फतेहाबाद आगरा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले प्रधान हरिओम सिंह का भतीजा व सत्य प्रकाश का भाई सुरेंद्र 10 वर्ष पूर्व दिल्ली में खो गया था। सत्य प्रकाश के मुताबिक, 10 साल पहले घने कोहरे में मेरा भाई सुरेंद्र दिल्ली के रोहिणी में खो गया था। बहुत खोजबीन की, लेकिन नहीं मिला। कोशिश जारी रही, लेकिन एक दशक के दौरान परिवार ने बिछड़े भाई को मरा मानकर इस नियति को स्वीकार कर लिया था।

10 साल की उम्र में हो गया था गुम
चाचा हरिओम ने बताया परिवार के सदस्य एक जनवरी, 2009 को दिल्ली के रोहिणी में कुछ काम से आए थे। उस दिन घना कोहरा था। कोहरे में ही सुरेंद्र खो गया। उस दौरान उसकी उम्र लगभग 14 वर्ष थी। वह कुछ मंद बुद्धि भी था। घटना के तीन वर्ष बाद तक परिवार के सदस्य सुरेंद्र को ढूंढ़ते रहे। बाद में यह मान बैठे कि किसी घटना में सुरेंद्र की मौत हो गई होगी या फिर कोई अपहर्ता गैंग उसे उठाकर ले गया।

सुरेंद्र भाई से बिछड़ा तो बन गया चरवाहा
सुरेंद्र ने बताया कि वह दिल्ली के कोहरे में खोने के बाद कई दिन तक मारा-मारा फिरता रहा, फिर पेट भरने के लिए ग्रेटर नोएडा चरवाहा बन गया।  

एक दशक बाद हुआ चमत्कार
रविवार को हरिओम, सत्य प्रकाश व गांव के कुछ लोग एक जमीन लेने के लिए ग्रेटर नोएडा आए थे। जमीन देखने के लिए सभी लोग घरबरा गांव के पास पहुंचे। सभी लोग जमीन देख ही रहे थे कि सत्य प्रकाश की नजर पशु चरा रहे एक युवक पर गई। सत्य प्रकाश ने साथियों से कहा यह युवक मेरे बिछड़े भाई सुरेंद्र की तरह लग रहा है। जब लोग उसके पास पहुंचे तो सभी यह देखकर हैरान रह गए कि उनका लाड़ला जीवित था। 

सुरेंद्र ने परिवार के सदस्यों को पहचान लिया। दोनों भाई गले लगकर रोने लगे। साथ में आए लोग भी खुश हो गए। गांव के लोगों से पूछने पर पता चला कि सुरेंद्र पिछले कई वर्ष से गांव के रूडा भाटी के यहां पर रहकर पशु चराने व खेती का काम करता था।

गांव के लोग एकत्र हुए व जांच पड़ताल के बाद सुरेंद्र को उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया। देर शाम तक परिवार के सदस्य सुरेंद्र को लेकर गांव पहुंच गए। सुरेंद्र को देखने के लिए उसके घर पर लोगों की भीड़ जुट गई। परिवार खुशी से झूम उठा।

यह भी पढ़ेंः दिल्ली में नया घर बनाने जा रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.