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देश की राजधानी दिल्ली में अब खतरा नहीं बनेगा खतरनाक कचरा

औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले इस कचरे का निस्तारण करने के लिए बवाना में राजधानी दिल्ली का पहला संयंत्र लग रहा है। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मिल गया है और दिसंबर तक यह शुरू हो जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 08:13 AM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 09:18 AM (IST)
देश की राजधानी दिल्ली में अब खतरा नहीं बनेगा खतरनाक कचरा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश की राजधानी दिल्ली में अभी भले ही खतरनाक कचरा समस्या का सबब बन रहा हो, लेकिन भविष्य में यह खतरा नहीं बनेगा। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले इस कचरे का निस्तारण करने के लिए बवाना में राजधानी दिल्ली का पहला संयंत्र लग रहा है। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मिल गया है और दिसंबर तक यह शुरू हो जाएगा। 

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दिल्ली में हर वर्ष 2026 औद्योगिक इकाइयों से निकल रहा 2,683 मीटिक टन खतरनाक कचरा

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) की ओर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2683.46 मीटिक टन प्रतिवर्ष की दर से खतरनाक कचरा उत्पन्न हो रहा है। इसकी उत्पत्ति का स्रोत 2,026 औद्योगिक इकाइयों को बताया गया है। यह वो कचरा है, जो कामन इफ्यूलेंट ट्रीटूमेंट प्लांट (सीईटीपी) के जरिये औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित जल का शोधन होने के बाद निकलता है।

बवाना में दिसंबर से शुरू होगा फैक्टियों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए पहला संयंत्र

डीपीसीसी रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक दिल्ली में इस खतरनाक कचरे के ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल की कोई सुविधा (टीएसडीएफ) नहीं है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बवाना में इस खतरनाक कचरे का निस्तारण करने के लिए दिल्ली का पहला टीएसडीएफ संयंत्र लगाया जा रहा है। दिल्ली राज्य औद्यौगिक एवं ढांचागत विकास निगम ने मेसर्स तमिलनाडु वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को संयंत्र तैयार करने का टेंडर भी जारी कर दिया है। बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके में इसी साल दिसंबर से फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए पहला संयंत्र शुरू हो जाएगा।

दिया जा रहा है अंतिम रूप

दिल्ली के विशेष सचिव (पर्यावरण)-सह-डीपीसीसी के सदस्य सचिव डा. के एस जयचंद्रन द्वारा केंद्रीय जल शक्ति के सचिव को भेजी गई जुलाई माह की इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बवाना में बन रहे टीएसडीएफ संयंत्र के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी हो गया है।


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