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CBSE पेपर लीक: अफवाहों के बीच जांच में आई गति, बोर्ड ने कहा- नहीं लीक हुआ संस्‍कृत का पेपर

सोशल मीडिया में यह अफवाह फैली की 10वीं संस्कृत का परीक्षा लीक हो गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 10:15 AM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 02:40 PM (IST)
CBSE पेपर लीक: अफवाहों के बीच जांच में आई गति, बोर्ड ने कहा- नहीं लीक हुआ संस्‍कृत का पेपर
CBSE पेपर लीक: अफवाहों के बीच जांच में आई गति, बोर्ड ने कहा- नहीं लीक हुआ संस्‍कृत का पेपर

नई दिल्ली [ जेएनएन ]।  केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं गणित और 12वीं अर्थशास्त्र पेपर लीक मामले की तेज जांच के बीच अफवाहों का बाजार भी गरम है। अभी दिल्‍ली पुलिस इस बात की पड़ताल में जुटी है कि इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है, इसी बची सोशल मीडिया में यह अफवाह फैली की 10वीं संस्कृत का परीक्षा लीक हो गया है। हालांकि, बोर्ड ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अफवाह है। सीबीएसई ने इस प्रश्नपत्र को पिछले वर्षों का बताते हुए फर्जी करार दिया है।

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उधर, मामले में सीबीएसई का एक अधिकारी निलंबित कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच की एसआइटी ने बवाना स्थित पब्लिक स्कूल के दो शिक्षकों और कोचिंग सेंटर के ट्यूटर को गिरफ्तार किया है। बोर्ड ने एग्जाम सेंटर (0859) पर लापरवाही बरतने के लिए अधिकारी केएस राणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले में बोर्ड ने फॉर्मल जांच भी बिठाई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

इससे पहले सीबीएसई सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 12वीं हिंदी और राजनीतिक विज्ञान के फर्जी पेपर से सचेत रहने को लेकर छात्रों को चेतावनी दे चुका है। सीबीएसई 10वीं के छात्र दो अप्रैल को संस्कृत की परीक्षा देंगे, लेकिन इससे पहले संस्कृत का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

इस पर सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं संस्कृत का प्रश्नपत्र यू ट्यूब के माध्यम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह प्रश्नपत्र फर्जी है और इसपर छात्र विश्वास न करें। साथ ही सीबीएसई ने छात्रों के गुमराह होने का हवाला देते हुए अन्य लोगों से भी फर्जी प्रश्न पत्र को वायरल न करने का निवेदन किया है।

वाट्सएप पर लीक करने के मुख्य मामले में उसके हाथ खाली

मामले में क्राइम ब्रांच ने एक नए मॉड्यूल का पर्दाफाश तो कर दिया है, लेकिन गणित व अर्थशास्त्र के हस्तलिखित प्रश्नपत्रों को परीक्षा से दो दिन पहले वाट्सएप पर लीक करने के मुख्य मामले में उसके हाथ खाली हैं। करीब एक हफ्ता बीतने के बावजूद क्राइम ब्रांच मुख्य मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई है। हालांकि, कई दिनों से सरकारी अवकाश होने के बावजूद क्राइम ब्रांच के तमाम आला अधिकारी लगातार सीबीएसई मुख्यालय में डेरा डालकर सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटे हैं।

उधर, क्राइम ब्रांच का दावा है कि आरोपित शिक्षक ऋषभ और रोहित कई सालों से स्कूल में परीक्षा शुरू होने से करीब एक घंटा पहले प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर उसे वाट्सएप पर ट्यूटर तौकीर को भेज देते थे। तौकीर उक्त प्रश्नपत्र को अपने कोचिंग सेंटर के खास विद्यार्थियों को वाट्सएप पर भेजता था। बताया जा रहा है कि परीक्षा शुरू होने के ठीक आधे पहले ही पेपर खोल दिए और फिर उसे  वाट्सएप पर वायरल कर दिया। 

उक्त छात्र तौकीर के कोचिंग सेंटर में पढ़ता था। छात्र ने पेपर को कुछ दोस्तों को भेजा फिर धीरे-धीरे पेपर कई विद्यार्थियों में बंट गया। क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले को भी पेपर लीक ही माना जाएगा, लिहाजा सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने जिन तीन धाराओं (अमानत में खयानत, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र रचने) में मुख्य मामला दर्ज किया था, वे सभी धाराएं इस मामले के तीनों आरोपितों पर भी लगेंगी।

तीनों आरोपित हैं पुराने दोस्त

क्राइम ब्रांच का कहना है कि तौकीर को पहले ऋषभ व अब कुछ सालों से रोहित पेपर भेज रहा था। ऋषभ, बवाना का रहने वाला है। वह बवाना के पब्लिक स्कूल में भौतिक विज्ञान का शिक्षक है। रोहित बहादुरगढ़, झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। वह भी उक्त स्कूल में गणित का शिक्षक है।

उधर, गूगल ने पुलिस को सीबीएसई चेयरपर्सन के पास पेपर लीक संबंधी ईमेल भेजने वाले व्यक्ति के अकाउंट की जानकारी दे दी है, जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। बता दें कि 10वीं गणित की परीक्षा से 24 घंटे पहले देव नारायण नामक व्यक्ति के जीमेल अकाउंट से सीबीएसई चेयरपर्सन के आधिकारिक जीमेल अकाउंट पर ईमेल आया था, जिसमें पेपर लीक होने की बात कही गई थी।

जांच टीम में एसीपी स्तर के दो और अधिकारी शामिल

मामले में जांच का दायरा बढ़ने के कारण एसआइटी की विशेष टीम में दो और एसीपी स्तर के अधिकारियों को शामिल कर लिया गया है। पहले 11 पुलिस अधिकारियों की टीम छानबीन कर रही थी।


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