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Cricket Match Fixing: फिल्मी रोल की तरह तय होती थी खिलाड़ियों की भूमिका, सट्टेबाज का चौंकाने वाला खुलासा

Cricket Match Fixing Case नई दिल्ली में पैदा हुए और लंदन स्थित कथित सट्टेबाज ने स्वीकार किया कि वह कई वर्षों से मैच फिक्सिंग में शामिल था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:49 AM (IST)
Cricket Match Fixing: फिल्मी रोल की तरह तय होती थी खिलाड़ियों की भूमिका, सट्टेबाज का चौंकाने वाला खुलासा
Cricket Match Fixing: फिल्मी रोल की तरह तय होती थी खिलाड़ियों की भूमिका, सट्टेबाज का चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। Cricket Match Fixing :'कोई भी क्रिकेट मैच निष्पक्ष रूप से नहीं खेला जाता है और सभी क्रिकेट मैच जो लोग देखते हैं, वह पूर्व निर्धारित होते हैं। एक बहुत बड़ा सिंडिकेट और अंडरव‌र्ल्ड माफिया इससे सीधे तौर पर जुड़ा है, जो सभी क्रिकेट मैचों को प्रभावित करता है। यह बिलकुल ऐसा ही है, जैसी फिल्में होती हैं। फिल्म में जिस तरह से निदेशक प्रत्येक रोल तय किए जाते हैं, उसी तरह से क्रिकेट मैच में खिलाडि़यों की भूमिका बुकी निर्धारित कर देते हैं'। ये बातें दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये के वर्ष 2000 के मैच फिक्सिंग मामले के मुख्य आरोपित संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में कही हैं।

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यह बयान अदालत को सौंपे गए एक सप्लीमेंट्री चार्ज शीट (पूरक आरोप पत्र) का हिस्सा है, लेकिन इस पर आरोपित के हस्ताक्षर नहीं हैं। चावला ने पुलिस के सामने चौंकाने वाली यह बात भी बताई कि सिंडिकेट ने मामले के जांच अधिकारी डीसीपी (अपराध शाखा) डॉ. जी. राम गोपाल नाइक को भी निशाना बनाया था और उसकी जान खतरे में थी।

मैच फिक्सिंग में शामिल था चावला

नई दिल्ली में पैदा हुए और लंदन स्थित कथित सट्टेबाज ने स्वीकार किया कि वह कई वर्षों से मैच फिक्सिंग में शामिल था। एक बहुत बड़ा सिंडिकेट और अंडरव‌र्ल्ड माफिया इस मामले में शामिल है और वे बेहद खतरनाक लोग हैं। अगर वह कुछ भी कहता है तो वे उसे मार डालेंगे, इसलिए वह इस मामले में अधिक जानकारी नहीं दे सकता। इस मामले में विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीर रंजन ने कहा कि मामला अभी भी जांच के दायरे में है, इसलिए जांच और बयान से जुड़ी कोई भी बात स्पष्ट रूप से किसी के भी साथ साझा नहीं कर सकते हैं।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपने पूरक आरोप पत्र में यह भी कहा है कि संजीव चावला का जांच में सहयोग न करना भी अपराध में उनकी भागीदारी को प्रमाणित करता है। ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर हाईकोर्ट की रोक के अभाव में संजीव चावला इस माह की शुरुआत में तिहाड़ जेल से बाहर आ गया था। इस राहत के बाद दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामले की सुनवाई अगले माह होगी। मामले में चावला के कथित सहयोगी और अन्य आरोपित कृष्ण कुमार, राजेश कालरा और सुनील दारा भी जमानत पर बाहर हैं।

आरोप पत्र में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे पर मैच फिक्स का विवरण

आरोप पत्र में दक्षिण अफ्रीका के वर्ष 2000 के भारत दौरे के दौरान संजीव चावला और अन्य बुकी द्वारा क्रिकेट मैच फिक्स करने में कथित भूमिका का विवरण है। इसमें संजीव चावला और हैंसी क्रोन्ये के बीच बातचीत के दस्तावेज भी है, जो दोनों के बीच अंदर की बातचीत और नकदी के लेन-देन की ओर इशारा करते हैं।

चावला ने बयान में यह भी कहा कि वह 1993 में लंदन चले गए थे और 'कपड़े के व्यापार' में थे। लंदन की ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट में उनकी दुकानें थीं। मामले में आरोपित कृष्ण कुमार, राजेश कालरा और सुनील दारा उसके पुराने दोस्त थे और मैच फिक्सिंग में भी शामिल थे। लंदन में लंबे समय तक रहने के बाद वर्ष 2000 की शुरुआत में ब्रिटेन के नागरिक बन गए। इस वर्ष फरवरी में लंबी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के बाद संजीव चावला को भारत लाया गया था। हैंसी क्रोन्ये ने खराब खेलने के लिए सट्टेबाजों से पैसे लेने की बात स्वीकार की थी, हालांकि 2002 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद जुलाई 2017 में अदालत के आदेश से उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई।


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