कोरोना की जांच हुई सस्ती, पांच माह में दूसरी बार कम की गई शुल्क, यहां देखें लेटेस्ट रेट
मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क 4500 रुपए था। जांच किट की उपलब्धता व जांच की सुविधा बढ़ने के बाद इसे घटाकर 2400 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया था। इसके बाद आरटी-पीसीआर का जांच शुल्क घटाकर 800 रुपये कर दिया गया था।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच शुल्क 200 रुपये कम कर दिया है। इसलिए निजी लैब व निजी अस्पतालों में अब सिर्फ 300 रुपये में आरटी-पीसीआर जांच हो सकेगी। मरीज का सैंपल घर से लेने पर निजी लैब 500 रुपये जांच शुल्क ले सकेंगे। पांच माह में यह दूसरा मौका है जब कोरोना की जांच शुल्क में कमी की गई है। निजी लैब में अब एंटीजन जांच सिर्फ 100 रुपये में हो सकेगी। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी कर दिया है। इससे मरीजों को राहत मिलेगी।
तत्काल प्रभाव से आदेश पर अमल करने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैब संचालकों व निजी अस्पतालों को तत्काल प्रभाव से इस आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 24 घंटे के अंदर सभी निजी लैब व आरटी-पीसीआर जांच करने वाले निजी अस्पतालों को जांच शुल्क की दरें बोर्ड पर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है। इसके पहले आरटी-पीसीआर जांच के लिए मरीजों को 500 रुपये व घर से सैंपल लेने पर 700 रुपये जांच शुल्क देना पड़ता था।
इस तरह कम हुए दाम
उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क 4500 रुपए था। जांच किट की उपलब्धता व जांच की सुविधा बढ़ने के बाद इसे घटाकर 2400 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया था। इसके बाद आरटी-पीसीआर का जांच शुल्क घटाकर 800 रुपये कर दिया गया था, तब घर से सैंपल लेने पर 12,00 रुपये शुल्क निर्धारित था।
रैपिड एंटीजन की कीमत अब 100 रुपये
अगस्त के पहले सप्ताह में आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क घटाकर 500 रुपए व घर से सैंपल लेने पर 700 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया था। रैपिड एंटीजन का शुल्क 300 रुपए था। अब सरकारी डिस्पेंसरियों व अस्पतालों से सैंपल लेने पर निजी लैब को प्रति सैंपल 200 रुपये स्वास्थ्य विभाग भुगतान करेगा। निजी लैब या निजी अस्पताल में जाकर जांच कराने पर लोगों को 300 रुपये देना पड़ेगा।
12 घंटे में रिपोर्ट देना जरूरी
स्वास्थ्य विभाग ने सभी लैब को निर्देश दिया है कि सैंपल की रिपोर्ट 12 घंटे के अंदर देना होगा। इसके बाद 30 मिनट में पाजिटिव पाए गए मरीजों की जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की वेबसाइट पर अपलोड करना जरूरी है।