Covid RT-PCR जांच शुल्क कीमत से वसूले जा रहे आठ से 12 गुना ज्यादा, जानें कितनी की है किट
आरटी-पीसीआर जांच का इतना अधिक शुल्क दिल्ली में ही है जबकि हरियाणा पंजाब राजस्थान महाराष्ट्र ओडिशा व केरल सहित कई राज्यों में दिल्ली की तुलना में जांच शुल्क बहुत कम है। यही नहीं राजधानी की तुलना में राजस्थान ओडिशा हरियाणा और पंजाब में तो जांच शुल्क करीब आधा है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राजधानी में स्वराज के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में काबिज हुई। वादा ये था कि दिल्ली के लोगों को हर स्तर पर राहत दिलाई जाएगी और मुनाफाखोरी, कालाबाजारी व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाएगी। लेकिन कोरोना काल में जब दिल्लीवासी शताब्दी की सबसे बड़ी मुसीबत से जूझ रहे हैं और अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, मुनाफाखोरी, कालाबाजारी और भ्रष्टाचार उन्हें चारों ओर से घेरकर उनकी लड़ाई को कमजोर बना रहे हैं। कोरोना से संघर्ष में सबसे अहम इसकी जांच है, लेकिन मरीजों से आरटी-पीसीआर जांच के लिए उसकी किट की कीमत से आठ से 12 गुना अधिक शुल्क वसूला जा रहा है।
निजी लैबों का ये अधिक शुल्क वसूलना उनकी मनमानी नहीं है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने ही निजी लैब में जांच के लिए शुल्क 800 रुपये और घर से सैंपल लेने पर जांच शुल्क 1200 रुपये तय कर रखा है, जबकि आरटी-पीसीआर जांच किट की कीमत मात्र 100 रुपये है।
आरटी-पीसीआर जांच का इतना अधिक शुल्क दिल्ली में ही है, जबकि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा व केरल सहित कई राज्यों में दिल्ली की तुलना में जांच शुल्क बहुत कम है। यही नहीं, राजधानी की तुलना में राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा और पंजाब में तो जांच शुल्क करीब आधा है। विगत 13 मई को कोरोना की फेलूदा जांच के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में आरटी-पीसीआर जांच किट की कीमत 100 रुपये बताई थी। ऐसे में दिल्ली की निजी अस्पतालों व लैब में जांच शुल्क 800 रुपये और घर से सैंपल कलेक्शन करने पर जांच शुल्क 1200 रुपये होना सवाल खड़े करता है।
कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क 4500 रुपये निर्धारित था। बाद में इसे कम करके 2400 रुपये किया गया था। किट की उपलब्धता बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने नवंबर में जांच शुल्क की दोबारा समीक्षा की और 30 नवंबर को आदेश जारी कर निजी लैबों में जांच के लिए शुल्क 800 रुपये और सैंपल होम कलेक्शन करने पर 400 रुपये अतिरिक्त लेने का आदेश जारी किया। पिछले छह माह से यही आदेश लागू है, जबकि कोरोना की दूसरी लहर में कई राज्यों में जांच शुल्क में बदलाव किया गया है। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र व केरल में अभी जांच शुल्क 500 रुपये है, जबकि हरियाणा व पंजाब में यह 450 रुपये है। अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में निशुल्क जांच की सुविधा है, लेकिन निजी लैब में जांच कराने वालों की जेब काफी ढीली हो रही है।
इस बारे में पक्ष लेने के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव विक्रम देव दत्त से संपर्क करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उनसे भी बात नहीं हो पाई। उन्होंने वाट्सएप पर भेजे गए मैसेज का भी जवाब नहीं दिया। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की महानिदेशक डा. नूतन मुंडेजा ने कहा कि अभी जांच शुल्क की समीक्षा करने की उन्हें जानकारी नहीं है। जांच शुल्क पर फैसला दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण करता है।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व पूर्व अध्यक्ष डा. अजय लेखी ने कहा कि आरटी-पीसीआर किट की कीमतें भी अलग-अलग हैं। जांच शुल्क इस बात पर निर्भर करता है कि किस लैब में कैसी किट इस्तेमाल हो रही है। इसके अलावा, आरटी-पीसीआर जांच की मशीन भी महंगी आती है। जांच के लिए प्राइमर का भी इस्तेमाल होता है। छोटे शहरों के मुकाबले दिल्ली में तकनीकी कर्मचारियों का वेतन भी ज्यादा होता है। फिर भी जांच की लागत किट की कीमत से आठ गुना नहीं हो सकती।
आरटी-पीसीआर जांच शुल्क
राज्य जांच शुल्क होम कलेक्शन के साथ जांच शुल्क
राजस्थान 350 --
ओडिशा 400 --
हरियाणा 450 650
पंजाब 450 750
महाराष्ट्र 500 800
केरल 500 --
उत्तर प्रदेश 700 900
उत्तराखंड 700 900
गुजरात 700 900