Covaxin trials in AIIMS: एम्स में अब तक ट्रायल में सिर्फ 16 लोगों को लगा टीका
बताया जा रहा है कि एम्स में टीके के ट्रायल में देरी होने से अन्य 11 संस्थानों में पहले चरण में 375 का आंकड़ा पूरा कर लिया गया। इसलिए अब दूसरे चरण का ट्रायल शुरू होगा।
नई दिल्ली, जागगरण संवाददाता। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कहा है कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा तैयार कोरोना के पहले स्वदेशी टीके का 11 अस्पतालों में पहले फेज का ट्रायल पूरा हो गया है। हैरानी की बात यह है कि इस ट्रायल में शामिल एम्स में पहले चरण में सिर्फ 16 लोगों को ही टीके का पहला डोज लगाया जा सका है। जबकि 100 लोगों को टीका लगना था।
इसका कारण यह है कि एक तो एम्स में टीके का ट्रायल काफी देर से शुरू हुआ। वहीं पिछले पांच दिन से ट्रायल भी बंद है। इस दौरान एक भी वॉलेंटियर को टीका नहीं लगाया जा सका है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या एम्स के बगैर ही पहले फेज का ट्रायल पूरा हो गया। उल्लेखनीय है कि इस टीके का फेज एक व फेज दो का ट्रायल एक साथ शुरू किया गया था।
कुल 1125 लोगों पर यह ट्रायल होना है। जिसमें से पहले फेज में 12 संस्थानों में 375 लोगों पर ट्रायल होना था। दूसरे चरण में 750 लोगों पर ट्रायल होना है। एम्स की आचार समिति ने 18 जुलाई को टीके के ट्रायल को मंजूरी दी थी। इसके बाद एम्स ने कहा था कि संस्थान में पहले फेज में 100 लोगों पर व अन्य 11 संस्थानों में 275 लोगों पर टीके का ट्रायल होगा। एम्स में 24 जुलाई को ट्रायल शुरू हुआ। जिसके बाद 16 लोगों को टीके का पहला डोज लगाया जा सका। जिसकी सेफ्टी रिपोर्ट एम्स की आचार समिति में भेजी गई है। आचार समिति से स्वीकृति मिलने के बाद ट्रायल आगे बढ़ेगा।
बताया जा रहा है कि एम्स में टीके के ट्रायल में देरी होने से अन्य 11 संस्थानों में पहले चरण में 375 का आंकड़ा पूरा कर लिया गया। इसलिए अब दूसरे चरण का ट्रायल शुरू होगा। वहीं, एम्स में ट्रायल से जुडे़ डॉक्टर कहते हैं कि ट्रायल में लोगों को टीके का दो डोज लगाने का प्रावधान है। एम्स में जिन लोगों को पहला टीका दिया गया है उन्हें दूसरा डोज देना बाकी है। ऐसे में पहले चरण का ट्रायल पूरा होने के आइसीएमआर के बयान पर संस्थान के डॉक्टर हैरानी जता रहे हैं।