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2014 Class Room Slaps Case: दिल्ली की शिक्षिका को कोर्ट आज देगी सजा, 2 छात्राओं को क्लास में मारा था थप्पड़

छठी कक्षा की 2 छात्राओं ने आरोप लगाया था कि 7 साल पहले 8 अगस्त 2014 को सामाजिक विज्ञान की कक्षा चल रही थी। इस दौरान प्रश्न का जवाब न देने पर शिक्षिका शकुंतला नेगी ने उनके गाल पर कई थप्पड़ मारे थे।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 02:09 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 02:09 PM (IST)
2014 Class Room Slaps Case: दिल्ली की शिक्षिका को कोर्ट आज देगी सजा, 2 छात्राओं को क्लास में मारा था थप्पड़
शिक्षिका को सजा होना तय माना जा रहा है।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। क्लास रूप में प्रश्न का जवाब नहीं देने पर 2 छात्राओं को थप्पड़ मारने वाली स्कूली शिक्षिका को दिल्ली की कोर्ट कभी भी सजा सुना सकती है।  प्रश्न का जवाब न देने पर छात्राओं को थप्पड़ मारने वाली शिक्षिका को पिछली सुनवाई में ही पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोषी करार दे दिया था। इस मामले में सजा पर बहस चल रही है। कहा जा रहा है कि शिक्षिका को सजा होनी तय है। फिलहाल कड़कड़डूमा कोर्ट में मुख्य महानगर दंडाधिकारी प्रीति अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई जारी है।

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एक साल तक की हो सकती है जेल

कानून के जानकारों की मानें तो आइपीसी की धारा 323 के तहत जानबूझ कर किसी को भी चोट पहुंचाने में दोषी करार शख्स को एक वर्ष तक कारावास की सजा का प्रविधान है। इसके साथ कोर्ट दोषी को 1000 रुपये तक जुर्माना अथवा जेल और जुर्माना दोनों की सजा सनाई जा सकता है। इसके साथ ही किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के तहत छह माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है। ऐसे में शिक्षिका को सजा होना तय माना जा रहा है। 

यह है मामला

पूर्वी दिल्ली स्थित मंडावली इलाके में स्थित मयूर पब्लिक स्कूल में छठी कक्षा की 2 छात्राओं ने आरोप लगाया था कि 7 साल पहले 8 अगस्त 2014 को सामाजिक विज्ञान की कक्षा चल रही थी। इस दौरान प्रश्न का जवाब न देने पर शिक्षिका शकुंतला नेगी ने उनके गाल पर कई थप्पड़ मारे थे।

थाने में दर्ज हुआ था मामला

पिटाई से आहत छात्राओं के माता-पिता ने इस संबंध में शिक्षिका के खिलाफ मंडावली थाने में जानबूझ कर पिटाई करने और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 23 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

दोषी शिक्षिका का तर्क

कोर्ट में में अपना पक्ष रखते हुए आरोपित शिक्षिका ने कहा था कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। स्कूल प्रशासन उसे गैर कानूनी तरह से हटाना चाहता था। इतना ही नहीं, इस संबंध में स्कूल को शिकायत करने पर शिक्षिका ने माफी मांगी थी। साक्ष्य के तौर पर यह माफीनामा कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।

छात्राओं को तर्क

छात्राओं ने कोर्ट को बताया था कि शिक्षिका शकुंतला नेगी ने उन दोनों को कक्षा में सभी छात्रों के सामने पीटा था। वहीं, शिक्षिका को जानबूझ कर छात्राओं की पिटाई करने और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के तहत दोषी माना है। इस पर बृहस्पतिवार को सजा का एलान होगा।


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