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कोर्ट ने कहा आरोप घिनौना और चौंकाने वाला, आरोपित महिला को नहीं दी जमानत, पढ़िए क्या है पूरा मामला

कापसहेड़ा इलाके में नाबालिग बेटे के सामने पति की हत्या करने के मामले में पांच साल से जेल में बंद आरोपित महिला को कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया कि आरोप घिनौना और चौंकाने वाला है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 12:06 PM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 12:06 PM (IST)
कोर्ट ने कहा आरोप घिनौना और चौंकाने वाला, आरोपित महिला को नहीं दी जमानत, पढ़िए क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने कहा कि आरोपित के खिलाफ मजबूत साक्ष्य हैं। उसे जमानत छोड़ना उचित नहीं है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कापसहेड़ा इलाके में नाबालिग बेटे के सामने पति की हत्या करने के मामले में पांच साल से जेल में बंद आरोपित महिला को कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया कि आरोप घिनौना और चौंकाने वाला है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील बेनीवाल के कोर्ट ने कहा कि आरोपित के खिलाफ मजबूत साक्ष्य हैं। उसे जमानत छोड़ना उचित नहीं है। उसके बाहर जाने से नाबालिग की जान को खतरा हो सकता है।

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एक अक्टूबर 2015 को कापसहेड़ा इलाके में मनोज नामक व्यक्ति का शव मिला था। जांच में मालूम हुआ था कि मनोज की हत्या एक दिन पहले हुई थी। पुलिस ने इस मामले में मृतक की पत्नी सुनीता और उसके साथी सचिन को आरोपित बनाया था। इस मामले में आरोपित सुनीता ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपित महिला के पति ने उसे सचिन के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद महिला ने अपने साथी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी।

साथ ही बताया कि महिला के नाबालिग बेटे ने इस घटना को देखा था और उसने गवाही में बताया कि उसकी मां और सह-आरोपित शव को फेंकने के लिए मोटरसाइकिल पर गए थे। जबकि बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सुनीता को इस मामले में गलत फंसाया गया है। उसे न्यायिक हिरासत में पांच साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। उसके दो बच्चे हैं। उनकी परवरिश के लिए उसे जमानत दे दी जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया। साथ ही कहा कि नाबालिग की जान को खतरा हो सकता है। इस मामले में सह आरोपित ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए अर्जी लगाई थी, उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।


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