एनएसई के पूर्व एमडी के सलाहकार की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी करने के बाद कहा कि जमानत याचिका पर 24 मार्च को आदेश पारित करेंगे। अरविंद सुब्रमण्यम की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी कि आवेदक को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। समूह के पूर्व संचालन अधिकारी और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व एमडी के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। सुब्रमण्यम पहले व्यक्ति थे जिन्हें सीबीआइ ने पिछले महीने एनएसई को-लोकेशन मामले में गिरफ्तार किया था।
24 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश पारित करेगा राउज एवेन्यू कोर्ट
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी करने के बाद कहा कि जमानत याचिका पर 24 मार्च को आदेश पारित करेंगे।
गलत तरीके से फंसाने का लगा आरोप
सुब्रमण्यम की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अर्शदीप सिंह खुराना ने दलील दी कि आवेदक को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है क्योंकि याची आरोपों से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है। एफआइआर को पढ़ने से पता चलता है कि कोई अपराध नहीं है।
सीबीआइ ने जताया जांच प्रभावित करने का अंदेशा
सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम को जमानत पर रिहा करने से जांच प्रभावित हो सकती है। सीबीआइ ने दलील दी कि आनंद एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। सीबीआइ ने कहा कि उसने 832 जीबी डाटा बरामद किया गया है। हमने हमें पूरा डेटा देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट को लिखा है। जांच में आनंद सहयोग नहीं कर रहे हैं और यहां तक कि हटाई गई सामग्री और कुछ ईमेल भी। आनंद बहुत प्रभावशाली है और इस बात की पूरी संभावना है कि वह भाग सकते हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
हेरफेर क मामले में गिरफ्तारी
सुब्रमण्यम को 24 फरवरी को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था और उसे नौ मार्च तक की हिरासत मिली थी। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सीबीआई ने छह मार्च को एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को एक्सचेंज में हेरफेर के एक मामले में गिरफ्तार किया था।