लोन लेकर 2.47 करोड़ रुपये की ठगी में दंपत्ती गिरफ्तार
आरोपित की पहचान अनुज जयपुरिया और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। दोनों ने फर्जी दस्तावेज पर पिता द्वारा खरीदे मकान को गिरवी रख एक वित्तीय कंपनी से लोन लिया था। लोन लेने के बाद उन्होंने एक भी रुपया जमा नहीं करवाया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने 2.47 करोड़ रुपये की ठगी में पंजाब के लुधियाना से दंपत्ती गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान अनुज जयपुरिया और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। दोनों ने फर्जी दस्तावेज पर पिता द्वारा खरीदे मकान को गिरवी रख एक वित्तीय कंपनी से लोन लिया था। लोन लेने के बाद उन्होंने एक भी रुपया जमा नहीं करवाया था।
इओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि राजेंद्र जयपुरिया ने नोएडा सेक्टर 31 में वर्ष 2011 एक मकान खरीदा था। उन्होंने घर की पहली मंजिल को अपने छोटे बेटे अनुज जयपुरिया को रहने के लिए दे दिया था। अनुज अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वहां रह रहा था। इसी बीच उसने माता-पिता के साथ खुद व पत्नी को सह-आवेदक बना उस मकान को चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के पास गिरवी रख 2.47 करोड़ का लोन ले लिया। आरोपित ने जब लोन के रुपये नहीं चुकाए तो फाइनेंस कंपनी ने जांच की। इसमें फर्जीवाड़ा पता चलने पर घटना की शिकायत पुलिस में की गई। पुलिस ने वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की।
छानबीन में जानकारी मिली कि अनुज ने कमला नगर स्थित अपनी प्रापर्टी के दस्तावेज और हलफनामे में फर्जीवाड़ा कर लोन लिया था। उसने लोन के लिए पिता राजेंद्र जयपुरिया मां जयश्री जयपुरिया सहित खुद और अपनी पत्नी को आवेदन बताया था। कागजात पर उसने माता-पिता के फर्जी हस्ताक्षर भी किए थे। जबकि इसकी कोई जानकारी उसके माता-पिता को नहीं थी। ठगी की पुष्टि होने पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू की, लेकिन तब तक पति-पत्नी फरार हो चुके थे। इस बीच पता चला कि दोनों पंजाब के लुधियान में दोनों छुपकर रह रहे हैं। जिसके बाद पुलिस की टीम ने सात जनवरी को अनुज और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
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