CoronaVirus: कोरोना काल में जो कामगार पलायन कर गए थे उनके लौटने का सिलसिला जारी
इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 में आर्थिक गतिविधियां और विभिन्न सेवाएं दोनों ही व्यापक स्तर पर प्रभावित हुई हैं। बड़ा कारोबार क्षेत्र होने के कारण दिल्ली-एनसीआर की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है। दिल्ली में तो हालात ज्यादा ही खराब हुए हैं।
नई दिल्ली, राहुल चौहान। इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 में आर्थिक गतिविधियां और विभिन्न सेवाएं दोनों ही व्यापक स्तर पर प्रभावित हुई हैं। बड़ा कारोबार क्षेत्र होने के कारण दिल्ली-एनसीआर की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है। मुख्यरूप से दिल्ली में तो हालात ज्यादा ही खराब हुए हैं। दिल्ली की अर्थव्यवस्था में परिवहन व्यवसाय का बड़ा योगदान है। लाकडाउन के दौरान यही सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। फैक्ट्रियों में भी कामकाज प्रभावित हुआ। अर्थव्यवस्था पर इन सब का असर पड़ा, इसलिए जीडीपी में गिरावट स्वाभाविक है।
दिल्ली-एनसीआर की अर्थव्यवस्था में होटल उद्योग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। होटल उद्योग भी कोरोना से खासा प्रभावित हुआ है। हालांकि अब औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से सुधार हो रहा है। तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से अब मांग बढ़ने लगी है तो अड़चनें भी दूर हो रही हैं। दिल्ली से बड़ी संख्या में जो कामगार पलायन कर गए थे वह भी निरंतर वापस आ रहे हैं। इससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं भी लेकर आई है, जो दिल्ली के उद्योगों के लिए बूस्टर की तरह साबित होंगी। बहुत जल्द ही इसके नतीजे भी देखने को मिलेंगे।
जहां तक एक अध्ययन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित दिल्ली के प्रति व्यक्ति आय प्रभावित होने की बात है तो दिल्ली में अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रति व्यक्ति आय करीब ढाई से तीन गुना ज्यादा रहती है, ऐसे में इसका ज्यादा प्रभावित होना स्वाभाविक है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही यह फिर से पटरी पर लौट आएगी। दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में कामगारों की भूमिका भी रहती है, इसलिए सरकार को उनके खान-पान और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि उन्हें दिल्ली में रहने में परेशानी न हो।
स्टार्टअप है सुधार का बेहतरीन मौका
दिल्ली में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नए उद्योगों और स्टार्टअप की भी शुरुआत हो रही है। इससे भी अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। चीन से मोहभंग होना और उसके उत्पादों का बहिष्कार अर्थव्यवस्था में सुधार का बेहतरीन अवसर है। दिल्ली-एनसीआर में कई ऐसी कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित कर रही हैं जो पहले चीन में काम कर रहीं थीं।
वहीं, महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के कारण जो मांग गायब हो गई थी, वह वापस आ रही है। घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण तेजी से सुधार हो रहा है। अर्थव्यवस्था में सुधार और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का एक बेलआउट पैकेज दिया गया है। इससे दिल्ली के उद्योगों को भी राहत मिली है।
[अश्विनी महाजन, एसोसिएट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय]
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