कोरोना का नहीं पड़ेगा दिल्ली-एनसीआर की रेल परियोजनाओं पर असर
रेलमंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में रेलवे स्टेशनों के विकास के काम को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। कोरोना महामारी ने विकास परियोजनाओं को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कई परियोजनाओं के काम या तो बंद हो गए हैं या फिर रफ्तार धीमी हो गई है। हालांकि, अब आहिस्ता-आहिस्ता स्थिति सुधर रही है। रेलवे के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
मंगलवार को दैनिक जागरण की राउंड टेबल मीटिंग में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि कोरोना महामारी का रेलवे की परियोजनाओं पर असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर में रेलवे स्टेशनों के विकास के काम को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं के लिए धनराशि की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रेल भूमि विकास निगम प्राधिकरण (आरएलडीए) को यह काम सौंपा गया है। आरएलडीए ने परामर्श कंपनी के चयन के लिए टेंडर जारी किया है और अगले कुछ दिनों में कंपनी का नाम फाइनल कर लिया जाएगा।
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से आनंद विहार एवं बिजवासन रेलवे स्टेशन का और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से दिल्ली और सफदरजंग रेलवे स्टेशन का विकास किया जा रहा है। यमुना पर बन रहा है नया पुलयमुना पर वर्तमान लोहे के पुल पर ट्रेनों के आवागमन के दबाव को कम करने के लिए 137 करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बनाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से यह काम चल रहा है। दिसंबर तक इसका काम पूरा किया जाना है। बादली एवं होलंबी कलां के बीच नांगलोई व घेवरा पर लेवल क्रॉसिंग पर तीन रोड ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। इससे सड़क यातायात की परेशानी दूर होगी। दुर्घटनाएं रोकने में भी मदद मिलेगी।
आधारभूत ढांचे का हो रहा विकास
उत्तर रेलवे में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए लगभग 34 सौ करोड़ रुपये की लागत से नई रेल लाइन बिछाने व दोहरीकरण की चार परियोजनाओं का काम चल रहा है। इन परियोजनाओं की औसत लंबाई लगभग 294 किलोमीटर है।
नई लाइन
दिल्ली-सोहना-नूंह-फिरोजपुर-झिरका-अलवर (104 किलोमीटर लंबी)
लागत 1239 करोड़ रुपये
दोहरीकरण परियोजनाएं
दयाबस्ती ग्रेड सेपरेटर (तीन किलोमीटर)
लागत 196 करोड़ रुपये
आनंद विहार-तिलक ब्रिज तीसरी और चौथी लाइन (दस किलोमीटर)
लागत 418 करोड़
दिल्ली-शामली-टपरी-सहारनपुर बाइपास खंड (175 किलोमीटर)
लागत 1500 करोड़ रुपये
राजधानी में बनेंगे कई नए रेल टर्मिनल
दिल्ली में रेल परिचालन को सुगम बनाने के लिए कई नए टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव है। इसी तरह से दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को गति देने के लिए माल लदान को बढ़ावा देने के लिए नए टर्मिनल बनेंगे।
आनंद विहार में नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण (लागत 152 करोड़ रुपये)
आनंद विहार में नए कोचिंग टर्मिनल फेज दो का विकास (लागत 126 करोड़ रुपये)
बिजवासन में माल लदान एवं कोचिंग टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा। (भूमि अधिग्रहण पर 226 करोड़ रुपये निर्माण कार्य के लिए 92 करोड़ रुपये)
होलंबी कलां में विश्वस्तरीय लदान टर्मिनल (भूमि अधिग्रहण के लिए 125 करोड़)