Positive India: विदेश में रह रही इस बहादुर लड़की का फैसला आपको भी कर देगा हैरान
Positive India संजनी कहती हैं-सबने इसे हलके में लिया और आज पूरा देश भयावह हालात से गुजर रहा है। पूरे विश्व ने देखा है कि कोरोना फैलने का सबसे बड़ा कारण..इधर-उधर घूमना ही रहा।
नई दिल्ली [मनु त्यागी]। Coronavirus: 'मुझे यही ठीक लगा कि इटली से अपने देश नहीं जाऊं...भारतीय दूतावास ने मुझे 13 मार्च को संदेश भेजा था और फोन भी आया था कि भारतीयों को ले जाने के लिए विमान आया है। कोई शुल्क भी नहीं लगेगा। बस आपको 14 दिन आइसोलेशन सेंटर में रहना होगा। उस विमान से 220 भारतीय वतन लौटे भी। लेकिन, मैंने अपने परिवार और आसपास संक्रमण फैलने के डर से आने से मना कर दिया। शुरू में तो परिवार को मेरा निर्णय ठीक नहीं लगा, लेकिन जब समझाया तो उन्हें अहसास हुआ कि हमारी बेटी ने सही फैसला किया है।' यह कहना है इटली के मिलान में रह रहीं 23 वर्षीय संजना तिवारी का।
लोगों ने हल्के में लिया कोरोना वायरस को
संजना मूल रूप से कानपुर निवासी हैं। अभी मिलान शहर में एक विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में शोध करने के लिए अक्टूबर 2019 में वहां गई थीं। दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में वह बताती हैं कि सब कुछ ठीक था, आराम से रोज यूनिवर्सिटी जा रही थी। मैं क्या, किसी को भी अंदाजा नहीं था कि कोरोना वायरस का संक्रमण इस हद तक बढ़ चुका है। सभी ने इसे हलके में लिया और आज पूरा देश भयावह हालात से गुजर रहा है। पूरे विश्व ने देखा है कि कोरोना का संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण..इधर-उधर घूमना ही रहा। इटली में तो उसी वक्त मिलान फैशन वीक हुआ। चीन में फरवरी में नव वर्ष मनाया गया था। दुनिया भर के लोग आए और संक्रमण चुपचाप एक से दो, दो से चार में और फिर लाखों में फैलता चला गया।
इटली में बिगड़ते हालात देखे
संजना बता रही थीं कि भारत नहीं आने का फैसला इसीलिए किया क्योंकि इटली में संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात देख रही थी। सबसे पहले इटली के नार्थ में ही यह वायरस फैला था। 8 मार्च को पूरी तरह लॉकडाउन की जैसे ही बात हुई तो लोग नॉर्थ से निकल कर साउथ की तरफ चले गए और ये उधर भी फैल गया। दरअसल, यह वायरस फैला ही इधर-उधर घूमने से है। एक देश से दूसरे देश चले गए। यह बहुत गलत हुआ। यदि मैं भी ऐसा करती तो कितनी जगहों से गुजरकर आती और इसी बीच कितने लोगों के संपर्क में आने के बाद घर पहुंचती, तो यह मेरे देश और परिवार दोनों के लिए ठीक नहीं था। अब इटली में 15 अप्रैल तक का लॉकडाउन है, बहुत सख्ती है। अभी के हालात देखकर लगता है कि इसकी सीमा और न बढ़ानी पड़ जाए।
शुक्र है मां ने दाल-चावल दिए
वह कहती हैं कि मॉम को बहुत शुक्रिया करती हूं जो उन्होंने बहुत सारे भारतीय खाद्य के सामान साथ दिए। आजकल दाल-चावल बनाकर खाती हूं। परिवार में भाई और मम्मी-पापा से रोज वीडियो कॉल पर बात करती हूं। मम्मी को वीडियो कॉल पर कई विदेशी डिश बनानी सिखाईं और उनसे भारतीय जायकों के बारे में पूछकर खुद बनाती हूं। इसी तरह पूरा दिन ऑनलाइन पढ़ाई, रसोई और योग, व्यायाम करके ही बीत जाता है। इस एकांतवास में अंदर से अलग ही ऊर्जा महसूस कर रही हूं, आत्मविश्वास भी बढ़ा है।