टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना पर SOP जारी, जानिए मरीज की हालत बिगड़ने पर क्या करना होगा
राज्यों की पुलिस और स्वास्थ्य मंत्रालय को सामंजस्य बनाकर टीकाकरण केंद्रों पर सुरक्षा और मरीजों की जांच आदि के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। टीकाकरण के दौरान यदि किसी मरीज की हालत बिगड़ती है तो तत्काल टीके की शीशी को सील कर जांच करने को कहा गया है।
नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। कोरोना का टीका 16 जनवरी से लगाया जाएगा। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुरक्षा और जांच के लिए भी अंतिम तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्यों की पुलिस और स्वास्थ्य मंत्रालय को सामंजस्य बनाकर टीकाकरण केंद्रों पर सुरक्षा और मरीजों की जांच आदि के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही टीकाकरण के दौरान यदि किसी मरीज की हालत बिगड़ती है, तो तत्काल टीके की शीशी को सील कर निर्धारित दिशा निर्देशों के मुताबिक जांच करने को कहा गया है।
सभी राज्यों की पुलिस के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर जारी
इस संबंध में सभी राज्यों की पुलिस के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया है। इसमें राज्यों की पुलिस के मुखिया को कहा गया है कि वे अपने समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को एसओपी के बारे में ठीक तरीके से अवगत करा दें, ताकि उसी के अनुरूप जांच अधिकारी गंभीरता पूर्वक काम करें।
शिकायत की गंभीरता के मुताबिक करें जांच
एसओपी में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी शिकायत की गंभीरता के मुताबिक, किसी भी मामले की जांच करें। कई बार छिटपुट मामलों को भी कुछ लोग बेवजह तूल देते हैं। ऐसे में अपने विवेक से देखें कि शिकायत में कितनी सत्यता है। दरअसल, बड़े स्तर के टीकाकरण कार्य में छिटपुट घटनाएं हो जाती हैं। कई बार मरीज की जान को भी खतरा हो जाता है, लेकिन इसमें चिकित्सक की लापरवाही वजह नहीं होती है, बल्कि मरीज कई बार पहले से ही गंभीर होता है। ऐसे मामलों की जांच बेहद बारीकी व सूझबूझ के साथ करनी होगी।
घटना होने पर यह करें
एसओपी में कहा गया है कि अगर कहीं टीकाकरण के कारण घटना हो जाती है, तो उसकी उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। इसके लिए टीकाकरण केंद्र के मेडिकल आफिसर व पुलिस अधिकारी इस्तेमाल हुए टीके की शीशी को सीज करके सुरक्षित तरीके से प्रिजर्व करेंगे। इसके बाद इसे जांच टीम को सौंपना होगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
तबीयत बिगड़ने या मौत होने पर मरीज का पूरा ब्योरा एकत्र किया जाए।
मरीज का पूरा नाम, उम्र, पूरा पता, परिजनों के नाम व मोबाइल नंबर आदि का ब्योरा रखना होगा।
टीका किस सेंटर पर और किसने लगाया। इसके अलवा दिन व किस समय टीका लगाया गया आदि नोट करना होगा।
पीड़ित मरीज को नजदीक के अच्छे अस्पताल तक पहुंचाना होगा।
मृत्यु हो जाने पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
जांच अधिकारी मौके पर मौजूद चश्मदीदों का बयान दर्ज करें और उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराएं।
जांच अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि सैंपल के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो सके।
मेडिकल आफिसर का भी बयान दर्ज करें।
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