Move to Jagran APP

Coronavirus Vaccination : पहले दिन के मुकाबले टीका केंद्रों पर बेहतर नजर आया प्रबंधन

महामारी से सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सभी सैनिटाइजर डबल मास्क हाथों में दस्ताने व फेस शिल्ड के साथ नजर आए। केंद्र के अंदर व बाहर शारीरिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित हो इसके लिए सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की टीम मुस्तैद नजर आई।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 06:10 PM (IST)
Coronavirus Vaccination : पहले दिन के मुकाबले टीका केंद्रों पर बेहतर नजर आया प्रबंधन
पहले दिन दक्षिण-पश्चिमी जिले में 4,322 और पश्चिमी जिले में 11,787 लोगों ने लगवाया टीका।

नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। 18 से 44 वर्षीय वर्ग के लिए शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन टीका केंद्रों पर सराहनीय प्रबंधन नजर आया। कुछ एकाध केंद्रों को छोड़ दे तो सभी टीका केंद्रों पर सुबह नौ बजे से टीका लगाने का कार्य शुरू हो गया था। इन सब के बीच केंद्र के बाहर लंबी कतार में संयम के साथ खड़े युवाओं का टीका लगवाने के लिए उत्साह देखते ही बनता था। महामारी से सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सभी सैनिटाइजर, डबल मास्क, हाथों में दस्ताने व फेस शिल्ड के साथ नजर आए। केंद्र के अंदर व बाहर शारीरिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित हो इसके लिए सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की टीम मुस्तैद नजर आई। हालांकि दूसरा दिन भी केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्था करने का काम जारी रहा। जैसे लोगों को धूप में खड़े होकर इंतजार न करना पड़े इसके लिए टैंट लगाया गया और निरीक्षण कक्ष में कुर्सियों की संख्या को बढ़ाया गया।

loksabha election banner

पहले दिन सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बीच दक्षिण-पश्चिमी जिले के सात केंद्र पर बनी 35 साइट पर कुल 4,322 लोगों का टीकाकरण हुआ, वहीं पश्चिमी जिले में 17 केंद्रों पर बनी 41 साइटों पर 11,787 लोग टीकाकरण के लिए आगे आएं। अच्छी बात यह है कि टीका लगवाने के बाद किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। प्रत्येक साइट पर 150 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। कुछ साइटों ने लक्ष्य के पार जाकर टीका लगवाया तो कुछ लक्ष्य तक पहुंचने में भी असफल रहे। लोगों ने बताया कि उन्होंने कोविन एप पर अप्वाइंटमेंट प्राप्त किया है।

बढ़ाए जाएंगे केंद्र

पहले चरण में 76 केंद्रों पर 18 से 44 वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण को शुरू किया गया है। पर आगामी दिनों में टीका केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर दिल्ली में 280 करने का लक्ष्य है। जिसके तहत दक्षिण-पश्चिमी जिले में सात से केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 22 करने की योजना है। इसके लिए प्रशासन ने सरकारी स्कूलों को चिन्हित करने का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं पश्चिमी जिला स्वास्थ्य विभाग की माने तो फिलहाल केंद्रों को बढ़ाने के बजाए साइटों को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। अच्छी बात यह है कि स्वस्थ होकर स्वास्थ्य कर्मचारी धीरे-धीरे ड्यूटी पर लौटने लगे है। हालांकि अभी वे शारीरिक रूप से थोड़े कमजोर है, इसलिए उन पर काम का अधिक दबाव फिलहाल के लिए नहीं डाला जाएगा।

45 से अधिक उम्र के लोगों का भी स्कूलों में होगा टीकाकरण

प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक 1 मई से निजी अस्पतालों में टीकाकरण बंद है, क्योंकि अब उन्हें सरकार की तरफ से टीके उपलब्ध नहीं कराएं जा रहे है। नए दिशानिर्देश के अनुसार अब निजी अस्पतालों को भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया से खुद संपर्क कर उनसे वैक्सीन तय दर पर खरीदनी होगी। पर फिलहाल वैक्सीन की उत्पादकता कम है, ऐसे में निजी अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यानि मणिपाल अस्पताल, आकाश अस्पताल, महाराजा अग्रसेन, दिव्या प्रस्थ, सहगल निओ, बालाजी एक्शन अस्पताल समेत किसी भी निजी अस्पताल में फिलहाल टीकाकरण जारी नहीं है। जहां तक सरकारी अस्पतालों की बात है, वे भी सभी कोविड अस्पताल में तब्दील हो चुके है। सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए वहां 45 से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण जारी रखना उचित नहीं है। ऐसे में अब सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा को बंद कर आगामी दिनों में सरकारी स्कूलों में ही टीकाकरण को जारी रखने की योजना है। हालांकि इस योजना पर फिलहाल काम जारी है, जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।

चिकित्सकों को भी मिले ब्रेक

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने केंद्र का दौरा किया और बताया कि पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन स्थिति सभी केंद्रों पर बेहतर नजर आई और आगामी दिनों में ये और बेहतर होगी इसका पूर्ण विश्वास है। हालांकि सर्वर डाउन व अन्य तकनीकी कारणों से टीकाकरण में देरी होना स्वाभाविक है, ऐसे में युवा वर्ग को संयम से काम लेने की खासा जरूरत है। टीकाकरण अभियान में ड्यूटी दे रहे चिकित्सक 24-24 घंटे काम कर रहे है, ऐसे में वे भी मानसिक रूप से परेशान है। साथ ही ये टीका अभियान आगे भी यूं ही बेहतर ढंग से चले इसके लिए जरूरी है कि चिकित्सकों को सप्ताह में एक दिन हर हाल में छुट्टी मिले। स्वास्थ्य विभाग के करीब 70 फीसद स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में है। जिसके कारण शेष स्वास्थ्य कर्मचारियों पर काफी दबाव है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.