Coronavirus: चिकित्सकों ने बताए फेफड़े तक पहुंचने वाले कोरोना वायरस को मारने के तरीके, पढ़ें और अमल करें, मिलेगी राहत
Coronavirus वायरस का शिकार हो रहे लोगों को अगर बंद नाक और सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हो तो वह सबसे पहले भाप लें। बेहतर होगा कि पानी में विक्स संतरा व नींबू के छिलके टी ट्री आयल अदरक और नीम की पत्तियों को भी पानी में मिलाकर उबालें।
जागरण टीम, अंबाला/ गुरुग्राम/दिल्ली। कोरोना वायरस का शिकार हो रहे लोगों को अगर बंद नाक और सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हो तो वह सबसे पहले भाप लें। बेहतर होगा कि पानी में विक्स, संतरा व नींबू के छिलके, टी ट्री आयल, अदरक और नीम की पत्तियों को भी पानी में मिलाकर उबालें। इसकी भाप लेना काफी हद तक मददगार साबित होगा।
कोरोना वायरस पर अब तक हुए शोध के मुताबिक वायरस पहले गले में करीब तीन दिन से एक सप्ताह तक अपनी पैठ बनाता है और इसके बाद फेफड़े और नाक तक पहुंचकर नलियों को जाम कर देता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हो जाती है। अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल के पंचकर्म विशेषज्ञ जितेंद्र वर्मा के अनुसार रोज दो से पांच मिनट तक भाप लेने से वायरस निष्कि्रय हो जाता है। भाप एक तरह से बंद नाक के साथ गले और जाम फेफड़े में सैनिटाइजर का काम करती है।
दिल्ली के स्वास्तिक नर्सिंग होम के डॉक्टर गौरव गुप्ता का कहना है कि यदि सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या हो रही है तो सबसे पहले ये ही काम करें। पानी को उबालें और स्टीम लें। स्टीम लेने के बाद राहत महसूस होगी। यदि अधिक समस्या हो तो दो से तीन बार इसे करें, फायदा होगा। गुरुग्राम के प्रख्यात आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. परमेश्वर अरोड़ा श्वसन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए सितोपलादि पाउडर आधा चम्मच शहद में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने की सलाह देते हैं। सुबह नाश्ते के बाद आठ बजे एवं शाम पांच बजे। इसके साथ ही गिलोय घन वटी दो-दो गोली गर्म पानी से दिन में दो बार खाना खाने के बाद दोपहर एक बजे और रात नौ बजे लेने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता सशक्त होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- सुरक्षा कवच काढ़ा आधा कप दिन में एक बार कभी भी लें।
- तुलसी अर्क आधा से एक चम्मच और आधा कप गर्म पानी या चाय मिलाकर दिन में एक बार कभी भी लें।
- हल्दी एवं सेंधा नमक एक-एक चुटकी गर्म पानी में डालकर दो बार गरारे करें।
- लौंग या साबुत काली मिर्च या अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर दिन में दो से तीन बार चूसना है।
- तिल या सरसों तेल की दो-दो बूंदें दिन में दो बार नाक में डालें।
- हल्का सुपाच्य भोजन लें।
- कमजोरी महसूस होने पर चार-चार दाने मुनक्का सुबह-शाम लें।
- रात में सोते समय हल्दी वाला दूध लें।
- एक चम्मच च्यवनप्राश आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा एवं विटामिन सी की पूर्ति भी करेगा।
- कपूर और अजवाइन को एक कपड़े में बांधकर पोटली बनाए एवं उसको थोड़ी-थोड़ी देर बाद सूंघते रहें। इससे नाक खुली रखने में सहायता मिलेगी।
- ठंडी चीजें, जैसे- आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज की ठंडी चीजें एवं खट्टी चीजें, जैसे- अचार, इमली आदि तथा गरिष्ठ भोजन, जैसे- मैदा से बनी चीजें और दालों में उड़द, राजमा चने आदि एवं सब्जियों में पालक, सरसों, पनीर, बैंगन, कटहल, गोभी जैसी पचने में भारी सब्जियों का सेवन न करें।
- आक्सीजन का स्तर गिरने परआक्सीजन का स्तर शरीर में सही रखने के लिए जितना अधिक से अधिक हो सके उल्टा, यानी पेट के बल लेट कर गहरी सांस लें। अधिकतर समय बालासन में लेटने की कोशिश करें। किसी भी तरह का मानसिक तनाव एवं आपका भारी
- भरकम खानपान आपके शरीर में आक्सीजन की आवश्यकता को बढ़ा देता है। लक्षण दिखे तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं
- शरीर में किसी प्रकार का कोई भी लक्षण, जैसे- बुखार, खांसी, जुकाम या बदन दर्द होने पर टेस्ट कराने से पहले ही अपने को आइसोलेट कर लें। किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह करके आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन पहले दिन से ही शुरू कर दें।