कोरोना के बढ़ते ही देश के सबसे बड़े संस्थान AIIMS से आई बुरी खबर, हजारों मरीजों को लगेगा झटका
AIIMS News बृहस्पतिवार को एम्स ने ऑफलाइन ओपीडी पंजीकरण बंद करने के बाद अब पहले से तय आपरेशन भी रोक दिए हैं। केवल आपात स्थिति में ही मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा। पिछले साल भी एम्स ने ऐसा किया था जब दिल्ली में कोरोना के मामले उछाल पर थे।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। AIIMS News: राजधानी में एक बार फिर कोरोना का संक्रमण बेकाबू होने के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ना शुरू हो चुका है। बृहस्पतिवार को एम्स ने ऑफलाइन ओपीडी पंजीकरण बंद करने के बाद अब पहले से तय आपरेशन भी रोक दिए हैं। केवल आपात स्थिति में ही मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा। पिछले साल भी एम्स ने ऐसा किया था जब दिल्ली में कोरोना के मामले उछाल पर थे।
रणदीप गुलेरिया ने की बैठक
बृहस्पतिवार को एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया की निगरानी में हुई बैठक में डाक्टरों ने दिल्ली में हालात बिगड़ने की बात कही। हर दिन हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य क्षेत्र को बचाना भी जरूरी है। इसलिए पहले से तय आपरेशनों को अनिश्चितकाल के लिए रोकना जरूरी है।
शनिवार से बंद रहेंगे ऑपरेशन थियेटर
इस पर बैठक में फैसला हुआ कि शनिवार से एम्स में ऑपरेशन थियेटर बंद कर दिए जाएंगे। केवल उन्हीं मरीजों का ऑपरेशन किया जाएगा, जिनकी जान को जोखिम है और चिकित्सीय तौर पर उनका ऑपरेशन करना तत्काल जरूरी है। बैठक के बाद प्रबंधन ने सभी विभागों को यह आदेश जारी कर दिया।
दो दिन पहले ही एम्स ने ऑफलाइन ओपीडी पंजीकरण पर लगाई है रोक
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही एम्स ने ऑफलाइन ओपीडी पंजीकरण पर रोक लगाई है। अभी केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है जिनके पास पहले से अपाइंटमेंट है। नए रोगियों को भी सीमित संख्या में अपाइंटमेंट दिया जा रहा है।
कोरोना मामले में बाजारों को लेकर केंद्रीयकृत योजना बनाए केंद्र: प्रवीन खंडेलवाल
इधर, कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली सरकार से व्यापारिक व निवासी संगठनों से बातचीत कर ऐसी योजना बनाने का आग्रह किया है जिससे व्यापारिक गतिविधियों पर कोई असर न पड़ने के साथ संक्रमण को रोका जा सके। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कैट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि राज्यों द्वारा स्वतंत्र रूप से कदम उठाने की जगह केंद्र सरकार को पिछले वर्ष की तरह ही राज्य सरकारों से मशविरा कर केंद्रीकृत योजना बनानी चाहिए, जिससे देश में एकरूपता बनी रहे। यदि हर राज्य ने अपने स्तर पर कदम उठाते हैं तो देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी जिससे व्यापार व अर्थव्यवस्था को बड़ी हानि की संभावना है।