Coronavirus LockDown: अब पूर्वी दिल्ली के 8 इलाके कंटेनमेंट घोषित, 6000 लोग घरों में क्वारंटाइन
Coronavirus LockDown कंटेनमेंट को भाषा में सील कहते हैं इन इलाकों में केवल स्वास्थ्य विभाग पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी ही जा सकते हैं।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। Coronavirus LockDown : कोराेना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए पूर्वी जिला प्रशासन ने आठ इलाकों को कंटेनमेंट घोषित किया हुआ है। यहां रहने वाले लोग न तो बाहर जा सकते हैं और न ही कोई बाहरी व्यक्ति यहां आ सकता है। इन इलाकों में रहने वाले छह हजार लोगों को घरों में क्वारंटाइन किया गया है। एक बुजुर्ग व्यक्ति के मौत के बाद प्रशासन ने सर्तकता बरतते हुए कंटेनमेंट का कदम उठाया है। जहां-जहां कोरोना पॉजिटीव मरीज मिल रहे हैं, उन इलाकों को प्रशासन कंटेनमेंट कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है दिल्ली में इतनी संख्या इलाके पूर्वी जिले में ही कंटेनमेंट घोषित किए हैं।
पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में कुल आठ कोरोना मरीज हैं, गत शुक्रवार को एक बुजुर्ग की कोरोना की वजह से मौत हो गई थी। यह बीमारी एक मनुष्य से दूसरे में फैलती है। इसे वायरस को फैलने से रोकने के लिए आठ इलाके मंडावली गली नंबर एक, पांडव नगर एच ब्लॉक की गली नंबर-एक, खिचड़ीपुर की तीन गलियां, किशन कुंज एक्सटेंशन की गली नंबर-4, आइ एक्सटेंशन के दो अपार्टमेंट वर्धमान व मयूर ध्वज और वसुंधरा एंक्लेव का मनसारा अपार्टमेंट को कंटेनमेंट किया है।
उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट को भाषा में सील कहते हैं, इन इलाकों में केवल स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी ही जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे मरीज सामने आ रहे हैं, उन इलाकों को बिना देरी किए कंटेनमेंट किया जा रहा है। छह हजार लोगों को घरों में क्वारंटान किया गया है, सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा।
जब उनसे पूछा गया कि यहां रहने वाले लोगों को रोजमर्रा की जरूरत का सामान जैसे दूध, दाल, चावल कैसे मिलेगा, इसपर उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सारा सामान लोगों के दरवाजे तक खुद पहुंचाएगा। डॉक्टरों की टीम लगातार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को समझाया जा रहा है कि अगर वह अपना और दूसरों का जीवन सुरक्षित रखना चाहते हैं तो घरों में ही रहे। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ जागरूक रहने से ही इस बीमारी को मात दी जा सकती है।