Coronavirus: 'गुरुद्वारों में ठहरे हैं धरती के भगवान', DSGMC ने पेश की मिसाल
गुरुद्वारा बंगला साहिब गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब और गुरुद्वारा मोती बाग परिसर स्थित सराय इन दिनों डॉक्टरों व नर्सिग स्टाफ का ठिकाना बना हुआ है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड-19 से पीड़ित लोगों को नया जीवन देने में लगे धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के साथ समाज के एक वर्ग का नजरिया भेदभावपूर्ण है। कुछ स्थानों पर इन कोरोना योद्धाओं के साथ र्दुव्यवहार व हमले भी हुए हैं। कई मकान मालिक मकान खाली करने का दबाव डाल रहे हैं।
इस मुश्किल दौर में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) इन कोरोना योद्धाओं के साथ मजबूती से खड़ी है। बगैर जाति, धर्म में भेद किए कमेटी ने गुरुद्वारों में स्थित सराय (गेस्ट हाउस) के दरवाजे इनके लिए खोल दिए हैं, ताकि वे बिना किसी चिंता के मरीजों का जीवन बचाने के लिए काम करें।
गुरुद्वारा बंगला साहिब, गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब और गुरुद्वारा मोती बाग परिसर स्थित सराय इन दिनों डॉक्टरों व नर्सिग स्टाफ का ठिकाना बना हुआ है। एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, लेडी हार्डिग में ड्यूटी करने के बाद वे लोग घर जाने के बजाय इन गुरुद्वारों में पहुंच रहे हैं। यहां साफ-सुथरा कमरा उपलब्ध कराने के साथ ही इनके नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के भोजन का इंतजाम गुरुद्वारा की ओर से किया जा रहा है। इन्हें कोई असुविधा न हो, इसके लिए सेवादार विशेष तौर पर सतर्क रहते हैं। उनका कहना है कि मानवता की सेवा करने वाले इन फरिश्तों की सेवा व सहयोग हम सभी का कर्तव्य है।
कमेटी की ओर से उपलब्ध कराई गई सुविधा व सेवादारों की सेवाभाव से यहां रह रहे मेहमान भी प्रभावित हैं। रकाबगंज गुरुद्वारा परिसर में रह रहे आरएमएल अस्पताल में तैनात भरत कुमार सोनी का कहना है कि यह ऐसा वक्त है जब लोग एक-दूसरे से दूरी बना रहे हैं। संक्रमण के डर से अस्पतालों में तैनात लोगों को मकान मालिक जगह नहीं दे रहे हैं। सभी को डीएसजीपीसी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
गुरुद्वारा बंगला साहिब में रह रहे आरएमएल अस्पताल के हरफूल सिंह कहते हैं कि सेवादारों को मालूम है कि हमारी ड्यूटी कोरोना वार्ड में है। बावजूद इसके उनके मन में भेदभाव नहीं है। वहीं सफदरजंग अस्पताल में काम करने वाली श्रुति कौर भी मोतीबाग गुरुद्वारा परिसर में रह रही हैं।
डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। कमेटी ने अपने अस्पतालों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी सरकार को दिया है। इस मुश्किल दौर में किसी भी तरह के सहयोग के लिए हम तैयार हैं।