Coronavirus: सीएम अरविंद केजरीवाल बोले घर बैठे आठ लाख विद्यार्थियों को मिलेगा छह महीने का राशन
मंडावली स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर तीन में मिड डे मिल योजना के तहत आयोजित राशन किट वितरण समारोह में मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम सभी के सामने कोरोना संकट आया है। ऐसे में महीनों सब बंद रहा बाज़ार रेल मॉल आदि लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान स्कूलों को हुआ।
पूर्वी दिल्ली, जेएनएन। कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा का बहुत नुकसान हुआ है। दिल्ली सरकार पूरी शिद्दत से उस नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रही है। हमने जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि बच्चे कंप्यूटर और फोन के आगे बैठ कर पढ़ाई करेंगे। लेकिन शिक्षकों की मेहनत व प्रयास से 94 फीसद बच्चे आनलाइन कक्षा से जुड़े हैं, जो सरकारी स्कूलों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
आठ लाख विद्यार्थियों को घर बैठे मिड-डे मील का छह महीने का राशन किट वितरित करने की योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह बातें कहीं। योजना की शुरुआत मंडावली स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर-तीन से की गई। यहां दस विद्यार्थियों के अभिभावकों राशन किट दिया गया।
योजना के तहत प्राथमिक कक्षा यानी पांचवी तक के विद्यार्थियों को 20 किलो व छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को 30 किलो राशन दिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के पौष्टिक आहार में कोई कमी न आए, इसके लिए हमने पहले कोशिश की कि मिड डे मील का जो पैसा बनता है, वह अभिभावकों के खाते में डाल दिया जाए, ताकि बच्चों को अच्छा भोजन मिलता रहे। फिर शिक्षकों द्वारा कई अभिभावकों की प्रतिक्रिया मिली कि पैसा तो दूसरी जरूरतों में भी खर्च हो जाता है। इसकी जगह अगर सीधे राशन दे दिया जाए, तो अच्छा रहेगा। ऐसे में अब राशन देने की योजना शुरू की जा रही है। हर बच्चे के अभिभावकों को 6 महीने का राशन दे दिया जाएगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन में लोगों को खाने की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रतिदिन 10 लाख लोगों के लिए दिन व रात के भोजन की व्यवस्था की। इतनी ही नहीं तीन महीने तक एक करोड़ लोगों को राशन की दुकान के जरिये राशन भी दिया। कोरोना काल में बुजुर्गों व विधवाओं की पेंशन दोगुनी की। मजदूरों, टैक्सी व आटो चालकों को भी पांच-पांच हजार रुपये दिए, ताकि कोई भी भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि कुछ टैक्सी ड्राइवर अभी गोवा से दिल्ली आए हुए थे। उन्होंने हमसे मिलकर दिल्ली के स्कूल व अस्पताल की तारीफ की। साथ ही कहा कि टैक्सी और आटो ड्राइवर के लिए जो दिल्ली सरकार ने काम किया, वो किसी सरकार ने नहीं किया।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने कोरोना का संकट छाया हुआ है। कोरोना की वैक्सीन तो आ जाएगी लेकिन शिक्षा के नुकसान की भरपाई मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ईश्वर हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है, लेकिन हमें गर्व है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद शिक्षा विभाग ने हिम्मत नहीं छोड़ी। सबने मेहनत करके 94 प्रतिशत बच्चों तक आनलाइन और सेमी आनलाइन के जरिए पहुंचने की बड़ी सफलता हासिल की। स्कूल बंद होने के कारण मिड डे मिल बंद होना भी एक बड़ी समस्या थी। बहुत से परिवारों के पास दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल था।
ऐसे में सरकार ने बच्चों के खाते में मिड डे मिल के पैसे जमा कर किए। फिर मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे के बदले बच्चों के घर राशन पहुंचाना ज्यादा अच्छा होगा। इसलिए अब दिल्ली के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के आठ लाख बच्चों को सूखा राशन दिया जा रहा है। पूरे देश में कहीं ऐसी योजना नहीं है। जब तक स्कूल फिर से नहीं खुलते हैं, तब तक यह योजना चलती रहेगी। इस मौके पर शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक केएस उपाध्याय, रविंद्र कुमार, प्रवीण चौधरी, शैलेंद्र शर्मा, मनिंदर, संजय कौशिक, संजय प्रकाश शर्मा व प्रधानाचार्य कुसुम वती सहवालिया, इंदर सेन, अनीता जयंत, बीसी तिवारी, विभा प्रसाद, महेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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