Coronavirus: दिल्ली के पश्चिमी जिले में अब तक 26,234 कोरोना संक्रमित बुजुर्गाें की हुई पहचान
कोरोना संक्रमण के मामलों में भले ही अब थोड़ी कमी दर्ज की जा रही है लेकिन मामले खत्म नहीं हुए है। दूसरी तरफ वैक्सीन भी तैयार है और उम्मीद जताई जा रही है नए साल में इसका वितरण शुरू हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। कोरोना संक्रमण के मामलों में भले ही अब थोड़ी कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन मामले खत्म नहीं हुए है। दूसरी तरफ वैक्सीन भी तैयार है और उम्मीद जताई जा रही है नए साल में इसका वितरण शुरू हो जाएगा। पर इन के बीच कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के प्रयास निरंतर जारी है।
इसी के तहत पश्चिमी जिले में अध्यापकों, बूथ लेवल ऑफिसर व आशा वर्कर्स की 1200 लोगों की टीम द्वारा जारी घर-घर सर्वे के दूसरे फेज में अब तक छह लाख नौ हजार 627 लोगों का सर्वे किया जा चुका है। जिसमें 471 लोगों की जांच हुई और 453 लोग संक्रमित पाए गए है। फेज-1 सर्वे की रिपोर्ट की बात करें तो सात लाख 15 हजार 108 लोगों का सर्वे किया गया था। जिसमें एक हजार 115 लोगों की जांच की गई और उसमें 197 लोग संक्रमित पाए गए थे।
हालांकि दूसरे फेज का सर्वे फिलहाल कब तक चलेगा ये कहना मुश्किल है, क्योंकि प्रशासन की कोशिश है कि सर्वे के माध्यम से जिले में 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों व गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों की पहचान हो सके। अब तक केवल 26 हजार 234 बुजुर्गो व आठ हजार 701 गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों की पहचान हो पाई है। कोरोना जांच व इंस्टिट्यूशल आइसोलेशन के डर से लोग अपनी उम्र व बीमारी की जानकारी सर्वे टीम से साझा करने से बच रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपनी उम्र व बीमारी की उचित जानकारी सर्वे टीम को दे, ताकि सर्वे का मूल उद्देश्य पूरा हो सके।
उपायुक्त नेहा बंसल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों में बुजुर्गों व बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या अधिक है। सर्वे के माध्यम से ऐसे लोगों की अलग सूची तैयार की जा रही है, ताकि इन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराकर इन्हें संक्रमण के चपेट में आने से बचाया जा सके। सर्वे के दौरान कई ऐसे लोग सामने आए, जिन्हें बुखार, खांसी की समस्या थी लेकिन इसे साधारण समझकर वे कोरोना जांच करवाने से बच रहे थे। सर्वे टीम के सभी सदस्याओं की सराहना करते हुए नेहा बंसल ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान की टीम उन्हें कोराना जांच के लिए आगे ला रही है। इससे संक्रमित को न सिर्फ समय रहते इलाज मिल रहा है बल्कि अधिक लोग संक्रमित के संपर्क में आकर संक्रमण की चपेट में आने से भी बच रहे है। हालांकि टीम हर व्यक्ति की थर्मल स्क्री¨नग व ऑक्सीजन स्तर को माप रही है।
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